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अशोक खेमका का बड़ा आरोप ,मजे कर रहे घोटाले के आरोपी, IAS का X पोस्ट तेजी से हो रहा वायरल

अशोक खेमका का बड़ा आरोप,मजे कर रहे घोटाले के आरोपी, IAS का X पोस्ट तेजी से हो रहा वायरल दिल्ली/हरियाणा : वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने शनिवार को हरियाणा में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान भूमि सौदों में कथित अनियमितताओं की जांच में ‘धीमी’ प्रगति पर सवाल उठाया है. हरियाणा-कैडर के 1991 बैच के […]

अशोक खेमका का बड़ा आरोप,मजे कर रहे घोटाले के आरोपी, IAS का X पोस्ट तेजी से हो रहा वायरल
दिल्ली/हरियाणा : वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने शनिवार को हरियाणा में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान भूमि सौदों में कथित अनियमितताओं की जांच में ‘धीमी’ प्रगति पर सवाल उठाया है. हरियाणा-कैडर के 1991 बैच के आईएएस अधिकारी खेमका ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर एक पोस्ट में लिखा, ‘शासक की मंशा कमजोर क्यों है? प्रधानमंत्री द्वारा 2014 में देश से किया गया वादा याद रखा जाना चाहिए. वाड्रा-डीएलएफ सौदे की जांच धीमी क्यों है? 10 साल हो गए, और कितना इंतजार करना होगा, ढींगरा आयोग की रिपोर्ट भी ठंडे बस्ते में है. पापी मजे कर रहे हैं ।’ अशोक खेमका 2012 में तब सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने गुरुग्राम-शिकोहपुर के मानेसर में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से जुड़ी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी और रियल स्टेट सेक्टर की दिग्गज कंपनी डीएलएफ के बीच 3.5 एकड़ भूमि सौदे के म्यूटेशन को रद्द कर दिया था। बता दें कि म्यूटेशन भूमि हस्तांतरण प्रक्रिया का हिस्सा है। उन्होंने तब हरियाणा सरकार पर उन्हें इस फैसले के लिए प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया था। उस समय खेमका जोत और भूमि अभिलेखों के चकबंदी के महानिदेशक थे। बता दें कि अशोक खेमका वही आईएएस अफसर हैं, जिनका 30 साल के कार्यकाल में 56 बार तबादला हो चुका है । साल 2012 में आईएएस अधिकारी द्वारा लिए गए इस फैसले के समय भूपिंदर सिंह हुडा हरियाणा के मुख्यमंत्री थे. तब भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा में तत्कालीन कांग्रेस शासन के दौरान भूमि सौदों में अनियमितताओं का आरोप लगाया था और इसे 2014 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों में एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया था। वहीं कांग्रेस, पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और रॉबर्ट वाड्रा मामले में किसी भी तरह की अनियमितता से इनकार करते रहे हैं। भाजपा ने 2014 में हरियाणा विधानसभा चुनाव जीतने के बाद, रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी को कमर्शियल लाइसेंस देने से संबंधित मुद्दों की जांच के लिए 2015 में न्यायमूर्ति एसएन ढींगरा (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में एक जांच आयोग का गठन किया था।