महिलाओं में HIV के क्या लक्षण होते हैं? जानें...

HIV (ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस) एक ऐसा वायरस है जो शरीर की इम्यूनिटी को कमजोर करता है. यह वायरस शरीर के उन सेल्स पर हमला करता है जो संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं. जब HIV का इलाज समय पर नहीं होता, तो यह AIDS (एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम) में बदल सकता है, जो एक गंभीर और जानलेवा स्थिति है. महिलाओं में HIV मुख्य रूप से असुरक्षित इंटरकोर्स, संक्रमित खून या सुई से संपर्क और HIV संक्रमित मां से बच्चे में प्रेगनेंसी या ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान फैल सकता है. इसके अलावा, अगर किसी महिला को STI (सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन) है, तो HIV का खतरा अधिक बढ़ जाता है. समय पर जांच और सावधानी ही इस बीमारी से बचने का एकमात्र उपाय है.

HIV संक्रमित महिलाओं को शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से गंभीर नुकसान झेलने पड़ सकते हैं. शारीरिक रूप से यह वायरस शरीर की इम्यूनिटी को कमजोर करता है, जिससे सामान्य संक्रमण भी गंभीर रूप ले लेते हैं. महिलाओं में प्रेगनेंसी के दौरान HIV होने से गर्भस्थ शिशु को भी संक्रमण का खतरा रहता है. इर्रेगुलर पीरियड्स, बार-बार इंफेक्शन होना और थकान महसूस होना आम लक्षण हैं. मानसिक रूप से महिलाएं तनाव, डर, शर्म और सामाजिक अलगाव का अनुभव करती हैं. कई बार उन्हें परिवार या समाज से भी समर्थन नहीं मिलता, जिससे उनकी स्थिति और बिगड़ जाती है. HIV का इलाज आजीवन चलता है, इसलिए इसके साथ जीने के लिए मानसिक दृढ़ता और नियमित दवाओं का सेवन जरूरी होता है. अगर समय पर इलाज न मिले, तो यह जानलेवा भी हो सकता है.

महिलाओं में HIV के क्या लक्षण होते हैं?
HIV संक्रमण के शुरुआती लक्षण अक्सर सामान्य वायरल इंफेक्शन जैसे होते हैं, जिससे इसे पहचानना मुश्किल हो जाता है. महिलाओं में इसके कुछ खास लक्षण होते हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. शुरुआत में बुखार, थकान, गले में खराश और सूजन जैसे सामान्य लक्षण दिख सकते हैं. इसके बाद जैसे-जैसे वायरस बढ़ता है, महिलाओं में बार-बार वेजाइनल संक्रमण, पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (PID), इर्रेगुलर पीरियड्स, बार-बार दस्त या त्वचा पर रैशेज दिख सकते हैं.

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वजन कम होना, बार-बार बुखार आना, पसीना आना, शरीर में लगातार दर्द रहना भी इसके संकेत हो सकते हैं. कुछ मामलों में महिलाओं में बांझपन की संभावना भी देखी गई है. HIV के लक्षण धीरे-धीरे बढ़ते हैं और हर महिला में एक जैसे नहीं होते, इसलिए किसी भी लक्षण पर तुरंत HIV जांच कराना और डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है.

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कैसे करें बचाव?

  • हमेशा सुरक्षित इंटरकोर्स रखें.
  • संक्रमित खून या सुई से दूर रहें.
  • कई लोगों द्वारा इस्तेमाल की गई सुई या ब्लेड का इस्तेमाल न करें.
  • प्रेगनेंसी में HIV टेस्ट जरूर कराएं.
  • पहले से HIV पॉजिटिव हैं तो डॉक्टर की सलाह से ART थेरेपी शुरू करें.
  • ब्रेस्ट फीडिंग से पहले डॉक्टर से राय लें, अगर HIV पॉजिटिव हों.
  • किसी भी लक्षण को नजरअंदाज न करें, समय पर जांच करवाएं.

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