छत्तीसगढ़ में भूमि डायवर्सन की बदली तस्वीर: अब ऑनलाइन आवेदन, 15 दिन में मिलेगा आदेश

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने जमीन से जुड़े सबसे जटिल कामों में से एक भूमि डायवर्सन को अब बेहद आसान और पारदर्शी बना दिया है। मुख्यमंत्री साय सरकार ने इस प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल कर दिया है, जिससे अब नागरिकों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इस नई व्यवस्था की अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशित कर दी गई है।

घर बैठे होगा आवेदन, ऑनलाइन होगा भुगतान
अब किसान, भूमि मालिक और विभिन्न परियोजना संचालक सरकारी पोर्टल के जरिए घर बैठे ही भूमि डायवर्सन के लिए आवेदन कर सकेंगे। आवेदन के साथ ही भू-राजस्व और प्रीमियम शुल्क का भुगतान भी ऑनलाइन किया जा सकेगा। यह सुविधा नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत और ग्रामीण, सभी क्षेत्रों में लागू होगी।

15 दिन में आदेश, नहीं हुआ तो सिस्टम खुद करेगा मंजूरी
नई व्यवस्था के तहत ऑनलाइन आवेदन सीधे संबंधित जिले के एसडीएम कार्यालय तक पहुंचेगा। नियम के मुताबिक एसडीएम को 15 दिनों के भीतर डायवर्सन आदेश जारी करना अनिवार्य होगा। यदि तय समय सीमा में आदेश जारी नहीं होता, तो 16वें दिन सिस्टम स्वतः आदेश जारी कर देगा और डायवर्सन स्वतः मान्य माना जाएगा। पहले इसी प्रक्रिया में 60 दिन या उससे अधिक समय लग जाता था।

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कई क्षेत्रों में अनुमति की झंझट खत्म
नई प्रणाली के अनुसार नगर निगम व नगर पालिका क्षेत्र और उनकी सीमा से 5 किलोमीटर तक नगर पंचायत क्षेत्र और उसकी सीमा से 2 किलोमीटर तक ग्रामीण क्षेत्रों में डायवर्सन के लिए अब अलग से सक्षम प्राधिकारी की अनुमति नहीं लेनी होगी। भूमि का पुनर्निर्धारण तय नियमों के तहत स्वतः किया जाएगा।

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नई प्रीमियम दरें भी तय
सरकार ने भूमि डायवर्सन के लिए नई प्रीमियम दरें भी घोषित की हैं, जो लगभग 3 रुपये से 25 रुपये प्रति वर्गमीटर तक होंगी। दरें भूमि के उपयोग जैसे आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक, कॉलोनी परियोजना, संस्थागत, चिकित्सा सुविधा और SEZ—के अनुसार अलग-अलग निर्धारित की गई हैं।

पारदर्शिता बढ़ेगी, भ्रष्टाचार पर लगेगी लगाम
सरकार का कहना है कि इस डिजिटल पहल से लंबित मामलों में तेजी आएगी, पारदर्शिता बढ़ेगी, अघोषित लेन-देन और भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी। साथ ही किसानों और भूमि मालिकों को समय पर सेवा मिलेगी और निर्माण व विकास कार्यों को नई गति मिलेगी। नई ऑनलाइन भूमि डायवर्सन प्रणाली से न सिर्फ नागरिकों का समय बचेगा, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था भी ज्यादा सरल, जवाबदेह और प्रभावी बनेगी।

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