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हाईकोर्ट ने प्रेस क्लब की याचिका को किया ख़ारिज, अपील में जाने की दी मोहलत
बिलासपुर/रायपुर। बिलासपुर प्रेस क्लब के भंग हुई कार्यकारिणी को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने क्लब की याचिका को सीधे तौर पर खारिज कर दिया है। जस्टिस पी पी साहू की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया कि याचिकाकर्ता प्रॉपर चैनल यानी सही कानूनी माध्यम से कोर्ट नहीं आए।
कोर्ट ने कहा कि जब आपके पास अपीली अधिकारी के पास जाने का कानूनी रास्ता खुला था, तो आप सीधे हाईकोर्ट क्यों आए? आप अपील में न जाकर सीधे हाई कोर्ट आए हैं, इसलिए आपकी याचिका निरस्त की जाती है। हालांकि, कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को यह लिबर्टी (अनुमति) दी कि वे इस मामले में अपील में जा सकते हैं। इस अनुमति के साथ ही मामला ख़ारिज कर दिया गया है। अब प्रेस क्लब की भंग कार्यकारिणी को अपनी बात रखने के लिए अपीली अधिकारी के पास जाना होगा।
प्रेस क्लब की कमेटी भंग कर बनाया गया था प्रशासक
इससे पहले छत्तीसगढ़ सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973 के तहत पंजीकृत बिलासपुर प्रेस क्लब की विवादित निर्वाचित कार्यकारिणी को रजिस्ट्रार फर्म्स एवं संस्थाएं, छत्तीसगढ़ ने भंग कर दिया था। 18 नवंबर 2025 को जारी आदेश में रजिस्ट्रार भोई साहू (आईएएस) ने अनियमितताओं से भरे 19 सितंबर 2025 को हुए चुनाव को अवैध घोषित कर दिया था।
रजिस्ट्रार ने विवादित कमेटी को भंग कर दिया और कलेक्टर, बिलासपुर को नया प्रशासक नियुक्त करने को कहा था कलेक्टर अब अपनी ओर से सहायक पंजीयन फर्म एवं सोसायटी ज्ञान प्रकाश साहू को प्रशासक नियुक्त किया है।
जो अब क्लब की नियमावली के अनुसार पारदर्शी चुनाव कराएंगे रजिस्ट्रार कार्यालय ने चुनाव रद्द करने के पीछे रिकॉर्ड में भारी चूक (1985 से 2025 तक वार्षिक विवरणी जमा न करना), नोटिस का जवाब न देना, और आपत्तियों को दरकिनार कर अवैधानिक सदस्यों के आधार पर चुनाव कराने जैसे गंभीर कारण बताए थे। यह कार्रवाई अधिनियम की धारा 33(ग) का इस्तेमाल करते हुए की गई थी।
