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छत्तीसगढ़ में टीएस सिंहदेव के विद्रोही रुख के बाद फिर शुरू हुई कांग्रेस विधायकों की लामबंदी वेणुगोपाल के पास विधायकों का पत्र लेकर पहुंचे पार्टी के प्रदेश प्रभारी पुनिया
छत्तीसगढ़ में टीएस सिंहदेव के विद्रोही रुख के बाद फिर शुरू हुई कांग्रेस विधायकों की लामबंदी वेणुगोपाल के पास विधायकों का पत्र लेकर पहुंचे पार्टी के प्रदेश प्रभारी पुनिया रायपुर : छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार में मंत्री टीएस सिंहदेव के पत्र के बाद एक बार फिर कांग्रेस विधायकों की लामबंदी शुरू हो गई है। […]

छत्तीसगढ़ में टीएस सिंहदेव के विद्रोही रुख के बाद फिर शुरू हुई कांग्रेस विधायकों की लामबंदी वेणुगोपाल के पास विधायकों का पत्र लेकर पहुंचे पार्टी के प्रदेश प्रभारी पुनिया
रायपुर : छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार में मंत्री टीएस सिंहदेव के पत्र के बाद एक बार फिर कांग्रेस विधायकों की लामबंदी शुरू हो गई है। ढाई-ढाई साल के फार्मूले पर अब तक अकेले संघर्ष कर रहे सिंहदेव के समर्थन में इस बार दो विधायक शैलेश पांडेय और छन्नी साहू खुलकर सामने आए हैं। अंदरखाने से आ रही खबरों के अनुसार लगभग 35 से 40 विधायक उनके साथ हैं, लेकिन सभी को केंद्रीय नेतृत्व के संकेत की प्रतीक्षा है, जबकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ विधायकों का एक बड़ा वर्ग खड़ा है।
पुनिया ने मंगलवार को केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की
सिंहदेव का पत्र सार्वजनिक होने के बाद सीएम समर्थक विधायकों ने केंद्रीय संगठन को एक पत्र भेजा है। इसमें सिंहदेव पर कार्रवाई की मांग की गई है। इस पत्र को लेकर पार्टी के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने मंगलवार को राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की है। बताया जा रहा है कि वेणुगोपाल अब कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के सामने पत्र पेश करेंगे। इसके बाद ही पार्टी किसी निर्णय पर पहुंचेगी। कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री खेमा इस मामले का एक-दो दिन में ही निर्णय लेने का दबाव बना रहा है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों सिंहदेव ने पंचायत विभाग के मंत्री पद की जिम्मेदारी छोड़ दी थी। हालांकि, वह अब भी स्वास्थ्य मंत्री हैं। विधानसभा के मानसून सत्र में सिंहदेव के विभाग छोड़ने के मुद्दे को भाजपा भुनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। ऐसे में सीएम खेमा चाहता है कि इस पर निर्णय जल्द आ जाए। मुख्यमंत्री के करीबी विधायकों की मानें तो विधानसभा सत्र तक कोई निर्णय नहीं होता है, तो विधायक दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात कर अपनी पीड़ा व्यक्त करेंगे। ऐसे में केंद्रीय संगठन के सामने एक साल पहले जैसी स्थिति बन जाएगी, जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समर्थन में 52 विधायक दिल्ली में डेरा डाले हुए थे। विभाग वापस या छोड़ना होगा मंत्री पदकांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री खेमे को जिस तरह से विधायकों का समर्थन मिल रहा है, उससे सिंहदेव के सामने दो विकल्प होंगे।
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पहला, वे पंचायत विभाग के मंत्री पद की जिम्मेदारी एक बार फिर संभालें या फिर भूपेश सरकार से इस्तीफा देकर मंत्रिमंडल से बाहर चले जाएं। सीएम खेमे ने केंद्रीय संगठन तक यह संदेश पहुंचा भी दिया है। ज्योतिरादित्य से आदि बाबा की मुलाकात कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मंत्री टीएस सिंहदेव के भतीजे आदित्येश्वर शरण सिंहदेव (आदि बाबा) ने कुछ दिनों पहले मुलाकात की थी। आदि बाबा ने यह जानकारी इंटरनेट मीडिया पर सार्वजनिक की है।