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प्रज्वल रेवन्ना रेप केस में पहली सजा: मेड से रेप, वीडियो और साड़ी बने सबूत, हाई-प्रोफाइल राजनीतिक वारिस को कोर्ट ने ठहराया दोषी
प्रज्वल रेवन्ना रेप केस में पहली सजा: मेड से रेप, वीडियो और साड़ी बने सबूत, हाई-प्रोफाइल राजनीतिक वारिस को कोर्ट ने ठहराया दोषी
48 वर्षीय मेड से रेप केस में प्रज्वल रेवन्ना दोषी करार। वीडियो और साड़ी पर मिले DNA ने बना दिया सबसे बड़ा सबूत। हाई-प्रोफाइल नेता को मिली पहली सजा।
बेंगलुरु: पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवगौड़ा के पोते और हासन से पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को एक मेड से रेप के पहले मामले में कोर्ट ने दोषी करार दे दिया है। 15 महीने चली जांच, 113 गवाह, एक वीडियो और एक साड़ी पर मिले DNA के आधार पर कोर्ट ने फैसला सुनाया। प्रज्वल पर यह पहला मामला है, जिसमें ट्रायल पूरा हुआ और सजा तय हुई है, जबकि उस पर तीन अन्य रेप और एक यौन उत्पीड़न का केस भी दर्ज है।
48 वर्षीय पीड़िता प्रज्वल रेवन्ना के हासन स्थित फार्महाउस और बेंगलुरु के बसवंगुड़ी स्थित आवास में घरेलू सहायिका के रूप में काम करती थी। वर्ष 2021 में लॉकडाउन के दौरान, पीड़िता के साथ दो बार रेप हुआ। चार्जशीट के अनुसार, प्रज्वल ने रेप की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की, जिसे बाद में SIT को प्राप्त हुआ। वीडियो और एक साड़ी, जिस पर प्रज्वल का DNA मिला, केस के प्रमुख सबूत बने। वीडियो में पीड़िता रोती और विरोध करती दिखाई दी, जबकि फोरेंसिक जांच में पुष्टि हुई कि वीडियो में दिख रहा व्यक्ति प्रज्वल ही है।
पीड़िता ने चार साल तक संघर्ष किया और अंततः FIR दर्ज करवाई जब एक सेक्स वीडियो टीवी पर वायरल हुआ, जिसे उसके परिवार ने भी देखा। वरिष्ठ वकील अशोक नायक और बीएन जगदीशा ने पीड़िता की तरफ से केस लड़ा। कोर्ट ने माना कि सबसे मजबूत सबूत खुद पीड़िता का सुसंगत और विश्वसनीय बयान था। इसके साथ ही SIT द्वारा जुटाए गए DNA, वीडियो, FSL रिपोर्ट और घटनास्थल की पुष्टि करने वाले डिजिटल सबूत निर्णायक रहे।
प्रज्वल का रसूख और पतन
एचडी देवगौड़ा का पोता, एचडी रेवन्ना का बेटा, और एचडी कुमारस्वामी का भतीजा होने के चलते प्रज्वल रेवन्ना को कर्नाटक की राजनीति का उभरता चेहरा माना जाता था। लेकिन अप्रैल 2024 में हासन में पेन ड्राइव के जरिए सामने आईं 3000 से ज्यादा क्लिप्स और 50 महिलाओं के आरोपों ने उसे कठघरे में ला खड़ा किया। 4 केस दर्ज हुए और वो जर्मनी भाग गया। 31 मई 2024 को जब वह भारत लौटा, तो बेंगलुरु एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया।
यह पहला मामला है जिसमें कोर्ट ने उसे दोषी करार दिया है। अभी तीन और केस लंबित हैं। अगर उनमें भी दोष साबित हुआ, तो उम्रकैद से कम सजा नहीं मानी जा रही। अगली सुनवाई में कोर्ट सजा का ऐलान करेगा। इस केस ने दिखाया कि डिजिटल सबूत और पीड़िता की दृढ़ता से कितनी भी रसूखदार हस्ती को न्याय के कटघरे में लाया जा सकता है। यह फैसला उन सभी के लिए मिसाल है जो न्याय के लिए वर्षों तक संघर्ष करते हैं।
