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BCCI की नाक के नीचे घोटाला, टीम में आने के लिए भयानक फर्जीवाड़ा
जैसे वर्ल्ड क्रिकेट को ICC चलाती है, ठीक वैसे ही भारतीय क्रिकेट को चलाने का काम BCCI का है. अपने खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने में, उन्हें जुझारू बनाने और इंटरनेशनल क्रिकेट के लायक बनाने में BCCI के किए जा रहे प्रयासों बड़ा योगदान है. इसके लिए BCCI के पास सपोर्ट स्टाफ की एक जबरदस्त टीम है, जो खिलाड़ियों के पीछे काम करती है. BCCI खिलाड़ियों को वो मंच देती है, जिस पर वो अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा कर, खुद को तपाकर आगे बढ़ सकते हैं. लेकिन, पुदुचेरी में मामला जरा अलग दिख रहा है. वहां BCCI की नाक के नीचे जो खेल चल रहा है, वो आंख और कान खोल देने वाला है.
पुदुचेरी में BCCI की नाक के नीचे फर्जीवाड़ा
पुदुचेरी में खिलाड़ियों के टीम में आने के लिए शॉर्टकट लिया जा रहा है. और, जो ऐसा कर रहे हैं वो BCCI और CAP यानी क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ पुदुचेरी के समानांतर काम कर रहे हैं. उनके लिए सब पैसे का खेल है. पैसे से वो नकली पते बनाते हैं और एलिग्जिबिलिटी सर्टिफिकेट भी प्रदान करते हैं.
जांच में हुआ बड़ा खुलासा
रिपोर्ट की मानें तो उसने पिछले 3 महीने में केंद्र शासित प्रदेश पुदुचेरी में खिलाड़ियों के 2000 से ज्यादा रजिस्ट्रेशन फॉर्मों की समीक्षा की. एक दर्जन से ज्यादा पूर्व और मौजूदा खिलाड़ियों, अधिकारियों से बात की. इतना ही नहीं रिहायशी व शैक्षणिक संस्थानों के दिए गए कई पतों का जमीनी सत्यापन भी किया.
1.2 लाख रुपये में हो जाता है पूरा काम
रिपोर्ट में बताया गया कि सारी चीजों को जांचने और परखने के बाद एक सुव्यवस्थित ग़ैर-कानूनी प्रणाली का खुलासा हुआ, जिसे चलाने वाले वहां के निजी क्रिकेट एकेडमी के कोच हैं. ये सारे फर्जी दस्तावेज उपलब्ध करवाते हैं. उनका मकसद दूसरे राज्यों के क्रिकेटरों को बीसीसीआई की एक साल की अनिवार्य निवास आवश्यकता पूरी करवाकर “स्थानीय” खिलाड़ी बनाना होता है. ये सब “पैकेज” के रूप में 1.2 लाख रुपये या उससे अधिक के बदले किया जाता है. ये क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ पुदुचेरी की अलग-अलग एज कैटेगरी की टीमों में जगह बनाने का भी एक रास्ता है.
एक ही आधार पते पर रह रहे 17 खिलाड़ी
रिपोर्ट के मुताबिक इस फर्जीवाड़े का सबसे बड़ा सबूत ये है कि अलग-अलग टीमों से खेलने वाले 17 लोकल क्रिकेटर मूलाकुलम के मोतीनगर में एक ही आधार पते का उपयोग कर रहे थे. हालांकि, जब उस घर के मालिक से बात की गई तो पता चला कि किरायेदारों को किराया ना चुकाने के चलते महीनों पहले ही हटा दिया गया है. इस समानांतर प्रणाली के काम का सीधा नुकसान पुदुचेरी में जन्मे खिलाड़ियों को हो रहा है, जिनके लिए मौके खत्म हो गए हैं.
पिछले 4 सालों में पुदुचेरी ने 29 रणजी मुकाबले खेले हैं. मगर उनमें खेलने वाले वहां जन्में सिर्फ 4 खिलाड़ी ही शामिल रहे हैं. इस सीजन वीनू मांकड़ ट्रॉफी के ओपनिंग मैच में 11 में से 9 खिलाड़ियों दूसरे राज्यों से लिए गए थे. उन्हें लोकल प्लेयर का लेबल लगाकर मैदान पर उतारा गया था.
