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नोएडा में बिल्डर्स-अधिकारियों की सांठगांठ का होगा खुलासा, सुप्रीम कोर्ट ने नई SIT का किया गठन
नई दिल्ली: नोएडा अथॉरिटी और बिल्डर्स के बीच लंबे समय से चल रही मिलीभगत और भ्रष्टाचार के आरोपों पर अब सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने एक नई एसआईटी (विशेष जांच टीम) के गठन का आदेश दिया है, जो अधिकारियों और बिल्डर्स के बीच सांठगांठ की गहराई से जांच करेगी। इसके साथ ही कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से नोएडा को म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन में बदलने पर विचार करने को भी कहा है, जिससे नोएडा अथॉरिटी की शक्तियों में बड़ा बदलाव हो सकता है।
करीब 8 महीने में ही सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों के खिलाफ सख्त रुख फिर से अपनाया है. नोएडा के अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के खिलाफ गंभीर आरोप हैं. सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा के भ्रष्टाचार में बिल्डरों की भागेदारी के खिलाफ ये एसआईटी गठित की है. सुप्रीम ने नोएडा अथॉरिटी और बिल्डर्स की सांठगांठ के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं. दरअसल, SIT ने पाया है कि नोएडा के अधिकारियों के भ्रष्टाचार और बिल्डरों के प्रति उनकी मित्रता के कारण किसानों को अत्यधिक मुआवजा दिया गया है. जिसके खिलाफ इस एसआईटी की जांच के आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिए हैं.
वहीं दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोएडा को महानगर परिषद में बदलने का निर्णय लेने को भी कहा है. इसका मतलब है कि जल्द ही सरकार की ओर से नोएडा में नोएडा म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन का भी ऐलान हो सकता है. जिसकी वजह से पॉवर का डिवाइडेशन भी हो जाएगा. म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन के गठन के बाद नोएडा अथॉरिटी का 50 फीसदी से ज्यादा काम जो मेंटेनेंस से जुड़ा हुआ है, वो कॉरपोरेशन के पास आ जाएगा.
इससे पहले घर खरीददारों के मसले पर एसआईटी गठित की गई थी। अब ये नई एसआईटी नोएडा के अधिकारियों और बिल्डर्स के बीच की सांठगांठ की जांच करेगी. इससे पहले गठित SIT ने जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच को बताया कि किसानों और अधिकारियों के बीच मिलीभगत का आकलन करने के लिए अधिकारियों और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा पिछले एक दशक में अर्जित संपत्तियों की फोरेंसिक जांच आवश्यक है. इस पहलू की जांच की जांच के लिए नई एसआईटी जांच जरूरी है.
