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उत्तराखंड में बादल फटा: धराली गांव में तबाही, खीर गंगा नदी में बहे कई घर, CM धामी ने जताया शोक
उत्तराखंड में बादल फटा: धराली गांव में तबाही, खीर गंगा नदी में बहे कई घर, CM धामी ने जताया शोक
उत्तराखंड के धराली में बादल फटने से भारी तबाही, खीर गंगा नाले में बहे कई घर-दुकानें, SDRF-NDRF राहत कार्य में जुटे, CM धामी ने जताया दुख।
उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित धराली गांव में सोमवार सुबह एक भीषण प्राकृतिक आपदा ने दस्तक दी। गंगोत्री धाम के पास बसे इस सुंदर और शांत पहाड़ी गांव में बादल फटने (Cloudburst) की घटना ने भारी तबाही मचा दी। खीर गंगा नाले का जलस्तर अचानक बढ़ गया और अपने साथ मलबा, पत्थर और पानी का सैलाब लेकर गांव में घुस गया।
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प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सुबह-सुबह मौसम सामान्य था, लेकिन कुछ ही पलों में तेज गर्जना और वर्षा के साथ पूरा इलाका जलप्रलय में बदल गया। खीर गंगा नाला जो सामान्यतः एक शांत धारा होती है, अचानक रौद्र रूप धारण कर गया।
- धराली बाजार पूरी तरह मलबे में दब गया
- कई घर और होटल बह गए या बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए
- स्थानीय लोग भय और सदमे में
- पर्यटक भी फंसे, कई रास्ते बंद
रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटा प्रशासन
घटना की सूचना मिलते ही SDRF, NDRF और जिला प्रशासन की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं। रेस्क्यू ऑपरेशन युद्ध स्तर पर जारी है। अब तक:
- कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया
- घायलों को प्राथमिक उपचार और अस्पताल पहुंचाया गया
- स्थानीय मंदिर और आश्रमों को राहत शिविर में बदला गया
- सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त, यातायात बंद
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जताया दुख
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा: उत्तरकाशी के धराली गांव में बादल फटने की घटना अत्यंत दुःखद है। प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में पूरी तत्परता से लगा हुआ है। प्रभावित परिवारों को हरसंभव मदद दी जाएगी। सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि राहत और पुनर्वास कार्यों में कोई कमी न रहे, और स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जाए।
मौसम विभाग की चेतावनी
IMD (भारत मौसम विज्ञान विभाग) ने उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में अगले 48 घंटों तक भारी बारिश और भूस्खलन की संभावना जताई है। सरकार ने पर्यटकों और स्थानीय लोगों से आग्रह किया है कि वे:
- अनावश्यक यात्रा न करें
- प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें
- नदी-नालों के किनारे न जाएं
धराली गांव की यह त्रासदी एक बार फिर हमें प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशीलता और तैयारियों की गंभीरता की याद दिलाती है। जहां एक ओर प्रकृति का प्रकोप था, वहीं दूसरी ओर SDRF, NDRF और स्थानीय प्रशासन की त्वरित कार्रवाई ने कई जिंदगियों को बचा लिया। आने वाले समय में राहत और पुनर्निर्माण की चुनौतियां बड़ी होंगी।
