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रिलायंस ग्रुप पर ED का शिकंजा तेज, अनिल अंबानी को किया 5 अगस्त को तलब, दर्जन भर बैंकों को भेजे पत्र
रिलायंस ग्रुप पर ED का शिकंजा तेज, अनिल अंबानी को किया 5 अगस्त को तलब, दर्जन भर बैंकों को भेजे पत्र
अनिल अंबानी पर ईडी का शिकंजा कसता, 3,000 करोड़ के लोन फ्रॉड में 5 अगस्त को पूछताछ के लिए समन, SBI, ICICI समेत 12 बैंकों से मांगी लोन डिटेल्स।
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी और उनकी कंपनियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सख्त कार्रवाई तेज कर दी है। एजेंसी ने अनिल अंबानी को 5 अगस्त को पूछताछ के लिए समन भेजा है। इसके साथ ही ईडी ने लगभग 12-13 सार्वजनिक और निजी बैंकों को पत्र लिखकर रिलायंस हाउसिंग फाइनेंस, रिलायंस कम्युनिकेशंस और रिलायंस कॉमर्शियल फाइनेंस को दिए गए ऋणों का विस्तार से ब्यौरा मांगा है।
सूत्रों के अनुसार, जिन बैंकों को ईडी ने पत्र भेजा है, उनमें भारतीय स्टेट बैंक, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, यूको बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक शामिल हैं। ईडी ने इन बैंकों से उन ऋणों का विवरण मांगा है जो बाद में एनपीए (Non-Performing Asset) बन गए।
प्रवर्तन निदेशालय की जांच में यह भी सामने आ सकता है कि ऋण मंजूरी प्रक्रिया में किन बैंक अधिकारियों की चूक के कारण यह स्थिति बनी। अधिकारियों को भी पूछताछ के लिए तलब किया जा सकता है। एजेंसी ने ऋण स्वीकृति, चूक के समय-सीमा और वसूली प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी मांगी है। यह मामला 3,000 करोड़ रुपये की कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़ा है, जिसकी जांच ईडी 2017 से 2019 के बीच यस बैंक द्वारा रिलायंस समूह को दिए गए लोन के संदर्भ में कर रही है।
पिछले सप्ताह, एजेंसी ने इस मामले में पहली गिरफ्तारी भी की है। बिस्वाल ट्रेडलिंक प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक पार्थ सारथी बिस्वाल को 68.2 करोड़ रुपये की फर्जी गारंटी जमा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह गारंटी रिलायंस पावर की ओर से दी गई थी। इसके अलावा, अनिल अंबानी के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया गया है, ताकि वे विदेश न जा सकें।
प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले महीने इस मामले से जुड़ी 50 से अधिक फर्मों पर छापेमारी भी की थी। मामले की जांच जारी है और एजेंसी इस वित्तीय घोटाले की तह तक पहुंचने के लिए सभी पहलुओं पर कड़ी नजर बनाए हुए है।
