- Hindi News
- राज्य
- इंस्टाग्राम पर बिक रहे थे अवैध हथियार: यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाला छात्र समेत गिरोह के 5 सदस्य गिरफ्त...
इंस्टाग्राम पर बिक रहे थे अवैध हथियार: यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाला छात्र समेत गिरोह के 5 सदस्य गिरफ्तार
इंस्टाग्राम पर बिक रहे थे अवैध हथियार: यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाला छात्र समेत गिरोह के 5 सदस्य गिरफ्तार
मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में पुलिस और क्राइम ब्रांच की संयुक्त कार्रवाई में एक बड़े अवैध हथियार तस्करी गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। यह गिरोह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, विशेषकर इंस्टाग्राम, के जरिए अवैध हथियारों की बिक्री कर रहा था। पुलिस ने गिरोह के 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक यूनिवर्सिटी छात्र भी शामिल है।
गिरफ्तार आरोपियों के पास से भारी मात्रा में असलहे बरामद
पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के पास से 3 पिस्टल, 1 रिवाल्वर, 9 तमंचे, 2 मस्कट और 1 स्कूटी बरामद की है। गिरफ्तारी संधावली अंडरपास के पास से की गई, जहाँ यह गिरोह हथियारों की डिलीवरी के लिए आया था।
गिरोह का सरगना मेरठ निवासी सालिक
गिरोह का मुख्य संचालक सालिक मेरठ के बनियापाड़ा इलाके का निवासी है। अन्य आरोपी – आकिब, आरिफ, असद और कुश कौशिक – भी मेरठ जनपद के ही रहने वाले हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि पकड़े गए आरोपियों में से एक कुश कौशिक, मेरठ की एक यूनिवर्सिटी में एमसीए (MCA) का छात्र है। पूछताछ में उसने बताया कि परीक्षा में फेल होने और पैसों की तंगी के चलते उसने इस गैरकानूनी गतिविधि में शामिल होने का फैसला किया।
सोशल मीडिया पर रील बनाने वाले युवाओं को बनाते थे निशाना
गिरोह सोशल मीडिया पर रील बनाने वाले युवाओं को टारगेट करता था। वे युवाओं को अवैध हथियारों के साथ वीडियो बनाने का लालच देकर उन्हें ग्राहक बनाते थे। इस तरह से रील के नाम पर असलहे बेचे जाते थे।
पुलिस टीम को 10 हजार का इनाम
इस सराहनीय कार्रवाई के लिए एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने थाना प्रभारी आशुतोष कुमार सिंह और उनकी टीम एसआई प्रशांत कुमार, एसआई सानू चौधरी, हैड कांस्टेबल सोविन्द्र, अंकित, ब्रहमदेव, सुधीर, तरुण पाल, और विक्रांत को 10,000 रुपये इनाम देने की घोषणा की है। एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत ने प्रेसवार्ता में बताया कि गिरफ्तार तस्करों ने जिले के कई अपराधियों को अवैध हथियार सप्लाई किए हैं। फिलहाल, पुलिस इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है और गिरोह के सोशल मीडिया नेटवर्क की भी गहन जांच की जा रही है।
