केरल: 'भारत माता' की तस्वीर पर सियासी घमासान, शिक्षा मंत्री ने राजभवन कार्यक्रम से किया वॉकआउट

तिरुवनंतपुरम: केरल में 'भारत माता' की तस्वीर को लेकर राजनीतिक पारा एक बार फिर चढ़ गया है। गुरुवार को राज्य के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने राजभवन में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया। उन्होंने कार्यक्रम में आरएसएस के आयोजनों में अक्सर दिखने वाली 'भारत माता' की तस्वीर लगाए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई और इसके विरोध में वॉकआउट कर दिया। इस घटना ने एक बार फिर राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया है।

केरल में ‘भारत माता’ विवाद गुरुवार को एक बार फिर सामने आया। राज्य के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी राजभवन में आयोजित सरकार के एक कार्यक्रम को छोड़कर बाहर आ गए। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यक्रमों में देखी जाने वाली भारत माता की तस्वीर राज्य सरकार के कार्यक्रम में रखे जाने पर आपत्ति जताते हुए इसका बहिष्कार किया। राजभवन ने इसे प्रोटोकॉल का उल्लंघन बताया। इसके बाद राज्यपाल पर मंत्री ने पलटवार किया। मंत्री के कार्यक्रम से वॉकआउट के बाद, राजभवन ने एक बयान जारी किया। उसमें राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा, ‘भारत माता को हटाने का कोई सवाल ही नहीं उठता।’ राजभवन ने राज्यपाल की मौजूदगी वाले कार्यक्रम से शिक्षा मंत्री के अचानक चले जाने को लेकर उनकी आलोचना की। इसे प्रोटोकॉल का गंभीर उल्लंघन और राज्यपाल के संवैधानिक पद का घोर अपमान बताया। राज्य सरकार के कार्यक्रम से शिवनकुट्टी के चले जाने के कुछ घंटों बाद राजभवन ने बयान जारी कर उनकी आलोचना की।राज्यपाल पर पलटवार किया

केरल के सामान्य शिक्षा मंत्री शिवनकुट्टी ने आलोचना के बाद राज्यपाल पर पलटवार किया। उन्होंने आरोप लगाया कि राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राजभवन में आयोजित एक आधिकारिक समारोह को राजनीतिक कार्यक्रम में तब्दील कर संविधान का उल्लंघन किया है। मंत्री ने कार्यक्रम से अचानक उनके चले जाने को लेकर उपजे विवाद के बाद राजभवन की टिप्पणियों को भी सिरे से खारिज कर दिया। शिवनकुट्टी ने कहा, ‘संविधान और इसके द्वारा स्थापित लोकतांत्रिक व्यवस्था की रक्षा करना हर नागरिक का कर्तव्य है। संविधान के अनुच्छेद 163 के अनुसार, राज्यपाल से राज्य मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह के आधार पर काम करने की उम्मीद की जाती है। राज्य के संवैधानिक प्रमुख के रूप में राज्यपाल का दायित्व है कि वे तटस्थ रहें और सार्वजनिक कार्यक्रमों की गरिमा बनाए रखें।’

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इस पूरे विवाद ने राज्य में सियासी तूफान खड़ा कर दिया है, क्योंकि यह इस महीने की दूसरी ऐसी घटना है। इससे पहले, राज्य के कृषि मंत्री पी. प्रसाद ने भी इसी मुद्दे पर राजभवन के एक कार्यक्रम का बहिष्कार किया था। इस घटना के बाद सीपीआई और राज्यपाल आर्लेकर के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी, जिसमें राज्यपाल ने 'भारत माता' पर कोई समझौता न करने की बात कही थी। शिक्षा मंत्री शिवनकुट्टी का वॉकआउट ऐसे समय में हुआ है जब मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने एक दिन पहले ही राजभवन में 'भारत माता' की तस्वीर के प्रदर्शन की आलोचना करते हुए कहा था कि राज्यपाल कार्यालय का इस्तेमाल आरएसएस के वैचारिक एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद का आगे क्या रूप लेता है।

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