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प्रमोटिव आई. ए. एस.अनिल टुटेजा सहित 2 अन्य की गिरफ्तारी को हाईकोर्ट ने बताया अवैध मिली जमानत
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा गिरफ्तारी के समय नहीं दी गई जानकारी, रिमांड आदेश भी रद्द
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा ias अनिल तुतेजा की की गई गिरफ्तारी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अवैध ठहराते हुए बड़ा निर्णय सुनाया है। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति मदन पाल सिंह की खंडपीठ ने कहा कि गिरफ्तारी के समय आरोपी को कानूनी रूप से आवश्यक जानकारी नहीं दी गई थी, जिससे यह कार्रवाई असंवैधानिक मानी जाती है।
यह मामला वर्ष 2023 में थाना कसना, गौतम बुद्ध नगर में दर्ज एफ.आई.आर. संख्या 196/2023 से जुड़ा है, जिसमें अनिल टुटेजा के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की कई गंभीर धाराओं – 420 (धोखाधड़ी), 468, 471, 473, 484 और 120-बी – के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसी प्रकरण से जुड़ी एक और एफ.आई.आर. छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज की गई थी, जिसके आधार पर टुटेजा को वहां गिरफ्तार किया गया था और उन्हें 14 जून 2024 को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई थी। जमानत के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें 15 जुलाई 2024 को मेरठ स्थित विशेष भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया और बाद में पुलिस हिरासत की अवधि बढ़ाकर 26 जुलाई तक कर दी गई।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं का कहना था कि गिरफ्तारी के समय न तो आरोपों की सूचना दी गई और न ही कोई वैध कारण बताया गया, जो कि संविधान के अनुच्छेद 22(1) और सीआरपीसी की धारा 50 (अब बीएनएसएस की धारा 47) का सीधा उल्लंघन है।
उच्च न्यायालय ने गिरफ्तारी को असंवैधानिक घोषित करते हुए 15 जुलाई और 22 जुलाई को पारित रिमांड आदेशों को भी रद्द कर दिया। हालां कि, अदालत ने यह भी कहा कि यदि चार्जशीट दाखिल हो चुकी है, तो ट्रायल कोर्ट विधिक प्रक्रिया के अनुसार कार्यवाही जारी रख सकता है।
