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मानसून में गर्भवती महिलाओं में रहता है बीमारियों का खतरा, इन तरीकों से करें बचाव
मानसून का मौसम प्राकृतिक रूप से जीवन में ताजगी लाता है लेकिन साथ ही ढेर सारा संक्रमण भी लाता है. मानसून में लगातार बढ़ते संक्रमण की चपेट में जो लोग आते हैं वो हैं खासकर बच्चे और गर्भवती महिलाएं. आपको बता दें कि गर्भावस्था में महिलाओं का इम्यून सिस्टम कई कारणों से कम हो जाता है और जल्दी संक्रमण की चपेट में आ जाता है. इसलिए मानसून में विशेष सावधानी बरतना जरूरी होता है.
मानसून के मौसम में थोड़ी सी सावधानी और अच्छी लाइफस्टाइल से गर्भवती महिलाएं संक्रमण से खुद को और अपने होने वाले बच्चे को सुरक्षित रख सकती हैं. साफ पानी, हेल्दी डाइट, मच्छर नियंत्रण और समय पर मेडिकल सलाह आपकी सेहत की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाते हैं. यहां मानसून में संक्रमण से बचाव के लिए गर्भवती महिलाओं के लिए 5 सुरक्षित और प्रभावी उपाय दिए गए हैं. इस बारे में डॉ. ऐसे टिप्स बताएं है जिनको अपनाकर आप हेल्दी रहने के साथ-साथ अपनी प्रेगनेंसी को तनाव रहित पूरा कर सकती हैं.
साफ-सफाई और स्वच्छता का ध्यान रखें
गर्भवती महिलाओं को अपने आस-पास की जगह साफ-सुथरी रखना बहुत जरूरी है. मानसून में पानी रुकने के कारण मच्छर और कीटाणु तेजी से बढ़ते हैं जो डेंगू, मलेरिया जैसे संक्रमण का कारण बन सकते हैं. इसलिए घर और आसपास के इलाकों में पानी जमा न होने दें. नियमित रूप से हाथ धोएं और साबुन का उपयोग करें खासकर खाने से पहले और बाद में. यह बुखार और पेट की बीमारियों से बचाव में मदद करेगा.
साफ और उबला हुआ पानी पिएं
मानसून में गंदे पानी से कई तरह की बीमारियों का खतरा रहता है जैसे- हैजा, टाइफाइड और डायरिया. गर्भवती महिलाओं को हमेशा उबला हुआ या फिल्टर किया हुआ पानी ही पीना चाहिए. बाहर जाना है तो अपना साफ पानी साथ लेकर जाएं. घऱ में भी पानी को हमेशा ढक कर ही रखें. नहीं तो खराब पानी से डायरिया हो गया तो शरीर में कमजोरी आ सकती है जो महिला और होने वाले बच्चे पर असर कर सकता है.
स्वस्थ और पौष्टिक आहार लें
मानसून के मौसम में खानपान का विशेष तौर पर ख्याल रखना जरूरी है. ताजा और पका हुआ भोजन ही करें. फल खाए लेकिन साफ पानी से धोकर. ताजा हरी सब्जियां और प्रोटीन रिच खाना खाएं. हेल्दी खाने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है जिससे रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है. दही, छाछ जैसे प्रोबायोटिक पदार्थ भी पेट के लिए अच्छे होते हैं. मसालेदार और तले भुने खाने से बचें, वो भी मानसून में बाहर से तो कुछ न खाएं.
भीड़-भाड़ और अस्वच्छ स्थानों से बचें
मानसून में संक्रमण फैलने का खतरा अधिक होता है. जहां संक्रमण फैलने की संभावना हो जैसे भीड़भाड़ वाले बाजार या अस्वच्छ स्थानों पर जाने से बचें. बाहर निकलते समय मॉस्क पहने और साफ-सुथरे कपड़े पहनना संक्रमण से बचाव में मदद करता है. सांस लेने वाली अच्छी क्वालिटी का मास्क का चुनाव करें जो आरामदायक भी हो.
खुले और अस्वच्छ पानी से दूर रहें
बारिश के पानी में और नाले के पानी में कई तरह के संक्रमण फैल सकते हैं. गर्भवती महिलाएं खुले पानी में न चलें और पानी के साथ सीधे संपर्क से बचें. कोशिश करें कि बारिश में भीगने से बचें क्योंकि गीले कपड़े संक्रमण का कारण बन सकते हैं.
डॉक्टरी सलाह और नियमित जांच कराएं
मानसून के दौरान स्वास्थ्य संबंधी किसी भी असामान्य लक्षण जैसे बुखार, खांसी, बदन दर्द या पेट में परेशानी हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. गर्भवती महिलाओं को अपनी नियमित जांच समय पर करानी चाहिए ताकि किसी भी संक्रमण का समय रहते पता लग सके और सही उपचार मिल सके. डॉक्टर की सलाह से दवाइयां लें और स्वयं से कोई दवा का सेवन न करें. पर्याप्त आराम भी संक्रमण से लड़ने और गर्भावस्था को स्वस्थ रखने में सहायक होता है.
