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पहाड़ों में छुट्टियां मनाना बन सकता है खतरनाक! इन बीमारियों का रिस्क
Toxic Clouds in Hill Stations: पहाड़ों में घूमना किसी नहीं पसंद, साफ हवा, ठंडा मौसम हरे-भरे नजारे सब दिल को बढ़िया लगते हैं लेकिन अब आपको पहाड़ों में जाने से पहले थोड़ी सावधानी बरतनी होगी. इन ठंडी वादियों में आपकी सेहत बिगाड़ने वाले कुछ ऐसे तत्व पाए गए है जो आपको बीमार कर सकते हैं. जी हां, हाल ही में एक रिसर्च की गई है जिसमें पता चला कि पहाड़ों में उड़ने वाले कोहरे और बादल आपकी सेहत के लिए जानलेवा भी हो सकते हैं.
क्या आपने कभी सोचा था कि जो धुंध आपको ठंडी और रोमांटिक लगती है वो आपके शरीर में ज़हर बनकर बैठ रही है? वो नींद जो पहाड़ों में और सुकून देती है, उसके पीछे धीरे-धीरे आपके शरीर का सिस्टम कमजोर हो रहा है. सांस लेने में दिक्कत, थकावट, लिवर की सूजन, दिमाग की गड़बड़ी- ये सब चीजें पहाड़ की हवा से भी जुड़ी हो सकती हैं.
टॉक्सिक क्लाउड का कारण क्या है?
गर्मी का मौसम हो या बरसात का, शहरों में रहने वाले लोग जैसे ही छुट्टियां मिलती है पहाड़ों की तरफ जाने लगते हैं. ऐसे में कुछ फेमस जगहों पर फुट स्टेप्स भी बढ़ रहे हैं साथ ही अधिक गाड़ियां होने की वजह से प्रदूषण का लेवल भी बढ़ जाता है. जिस कारण से पहाड़ों का हवा में जहरीली होती जा रही है. ये हवा आपके फेफड़े, किडनी, लीवर यहां तक की दिमाग को भी नुकसान पहुंचा रही है.
किन जगहों के बादल पाए गए Toxic?
इसके पीछे कई कारण हैं टेक्निक क्लाउड यानी जहरीले बादल. हाल ही हुई रिसर्च में पाया गया है कि आपके जबसे पसंदीदा हिल स्टेशन जैसे- शिमला, मसूरी, मनाली, औली और दार्जिलिंग में जो कोहरा आप इंजॉय करते हैं इनमें जहरीले केमिकल पाए गए हैं. ये केमिकल्स हवा में तैरते-तैरते आपके शरीर के अंदर पहुंच जाते हैं और धीरे-धीरे कई अंगों को खराब करने लगते हैं.
बादलों में कैसे छिपा है कैंसर
सबसे खतरनाक सिचुएशन ये है कि इस हवा का प्रभाव अचानक से नहीं दिखता, ये असर शरीर में इतना धीरे होता है कि आपको समझ भी नहीं आएगा कि कब आपको किसी बीमारी ने जकड़ रखा है. जर्मनी और भारत के वैज्ञानिकों की इस संयुक्त रिसर्च में बताया गया है कि इन बादलों में प्लास्टिक के कण, भारी धातुएं (हैवी मेटल्स) और ऐसे रसायन मिले हैं जो कैंसर तक को जन्म दे सकते हैं. वैज्ञानिकों ने इसे “कैंसर इन क्लाउड” नाम दिया है. यानी बादलों में छिपा कैंसर.
क्या अब पहाड़ों में जाना बंद कर दें?
लेकिन अब सवाल ये उठता है- क्या सफर करना खतरे से खाली नहीं? नहीं, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि आप पहाड़ों में जाना बंद कर दे बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है. जब आप ऐसे इलाकों में जाएं तो कुछ सावधानियां बरतें जैसे-
- सुबह का कोहरा या भारी धुंध में बाहर न निकलें
- बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा बाहर न रहने दें
- सांस की तकलीफ है तो मास्क का इस्तेमाल करें.
- बारिश या घने बादलों के समय ट्रेकिंग न करें.
