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हिरण की खाल से तंत्र क्रिया करने वाले तस्कर का भंडाफोड़, तांत्रिक समेत तीन गिरफ्तार
तीनों आरोपियों से हिरण की खाल और सींग बरामद, ढाई लाख रुपए की डील पर नकेल कसी गई
रायपुर/ छत्तीसगढ़ में अंधविश्वास और तंत्र क्रिया के नाम पर वन्य प्राणियों का शिकार और उनके अवशेषों की तस्करी का मामला लगातार बढ़ रहा है। तस्कर रायपुर को इस अवैध कारोबार का सेफ जोन बना चुके हैं, जहां वे न केवल अवशेषों का सौदा करते हैं बल्कि तांत्रिक कर्म भी करते हैं। रायपुर की रेंज स्तरीय फ्लाइंग टीम ने इस अवैध धंधे का बड़ा पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपियों को हिरण की खाल और सींग के साथ गिरफ्तार किया है।
टीम के प्रभारी दीपक तिवारी ने बताया कि मुखबिर से मिली सूचना के बाद वे अपनी टीम के साथ विधानसभा–बलौदाबाजार रोड पर घेराबंदी कर एक निजी स्कूल के पास आरोपियों को पकड़े। आरोपियों के कब्जे से एक हिरण की खाल और पांच सींग बरामद हुए। गिरफ्तार आरोपियों में रायपुर पेंशनबाड़ा निवासी तांत्रिक आनंद श्रीवास्तव, पीपरछेड़ी कसडोल के तुलाराम पटेल और भागीरथ पैकरा शामिल हैं।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे इन अवशेषों की डील लगभग ढाई लाख रुपये में तय कर चुके थे। आनंद श्रीवास्तव ने यह भी स्वीकार किया कि लक्ष्मी पूजा में हिरण की खाल का उपयोग किया जाता है, जिस कारण वे इसे लेकर आए थे। रेंजर दीपक तिवारी ने बताया कि बरामद खाल लगभग छह महीने पुरानी लग रही है।
वन विभाग के अनुसार, आनंद श्रीवास्तव पहले भी हथियार लेकर जंगल में गिरफ्तार हो चुका है, जबकि भागीरथ बारनवापारा के जंगलों में फंदा लगाने के आरोप में पकड़ा गया था।
पिछले चार वर्षों में प्रदेश में करीब 220 हिरणों का शिकार हो चुका है, जिनमें कई गिरफ्तारियां भी शामिल हैं। वन विभाग ने आरोपियों के खिलाफ वन अधिनियम के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है।
