IPS पर गंभीर आरोप: पीड़ित ने बताया अपने परिवार की बर्बादी का कारण 

धमतरी से सामने आया सनसनीखेज मामला, प्रार्थी ने की जांच की मांग

 रायपुर: छत्तीसगढ़ IAS और IPS अधिकारियों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहा है ताजा मामला छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले का है जहां प्रार्थी ने आईपीएस अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं ।

 धमतरी निवासी अखिलेश खंडेलवाल ने पुलिस महानिरीक्षक हिमांशु गुप्ता को उनके सुखी परिवार की बर्बादी का कारण बताया है। 

खंडेलवाल ने मुख्य सचिव को लिखित शिकायत कर मामले की निष्पक्ष जांच और न्याय दिलाने की गुहार लगाई है।

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प्रार्थी अखिलेश खंडेलवाल ने बताया कि उनका आईपीएस अधिकारी हिमांशु गुप्ता से परिचय वर्ष 2004 में हुआ था, जब श्री गुप्ता जगदलपुर में पुलिस अधीक्षक के पद पर पदस्थ थे। उनकी पत्नी सविता, हिमांशु गुप्ता को राखी बांधती थीं और उनके बीच भाई-बहन का पवित्र रिश्ता था। हालांकि, जब हिमांशु गुप्ता धमतरी में एस.पी. के रूप में तैनात हुए और उनके पड़ोस में रहने लगे, तब दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ने लगीं। अखिलेश खंडेलवाल ने बताया है कि उनकी पत्नी के व्यवहार में अचानक बदलाव आने लगा और बाद में उन्हें पता चला कि यह सब हिमांशु गुप्ता के कहने पर हो रहा था। अखिलेश को अपने ससुराल वालों और बड़े बेटे रजत खंडेलवाल के माध्यम से पता चला कि उनकी पत्नी सविता फेसबुक पर 'मून गुप्ता' नामक एक व्यक्ति से चैट करती है। अखिलेश खंडेलवाल ने अपने शिकायत पत्र में यह भी लिखा है कि उनकी पत्नी को कंप्यूटर का कम ज्ञान है और हिमांशु गुप्ता ने ही उसकी आईडी बनाई थी, साथ ही 'मून गुप्ता' के नाम से अपनी फर्जी आईडी बनाकर उनकी पत्नी की फोटो का इस्तेमाल किया था। पूरे मामले में नया मोड़ तब आया जब सविता के कंप्यूटर में खराबी आई और उसकी जांच की गई, इस दौरान चैट रिकॉर्ड से यह स्पष्ट हो गया कि 'मून गुप्ता' कोई और नहीं बल्कि स्वयं IPS हिमांशु गुप्ता ही थे। चैट्स में अमलतासपुरम् और बस्तर का उल्लेख भी इस बात की पुष्टि करता है, क्योंकि हिमांशु गुप्ता इन स्थानों पर डीआईजी और आईजी के रूप में तैनात रह चुके हैं।

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अखिलेश खंडेलवाल ने इस मामले में साइबर क्राइम रायपुर में शिकायत दर्ज कराई है, हालांकि उन्हें अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है। उन्होंने एक निजी एजेंसी से भी चैट की जांच करवाई है, जिसमें हिमांशु गुप्ता का नाम स्पष्ट रूप से सामने आया है और आईपी कोड जगदलपुर आईजी कार्यालय का पाया गया है।

पीड़ित खंडेलवाल ने यह भी बताया कि उन्होंने हिमांशु गुप्ता को रायपुर के अशोका रतन में तीन महीने के लिए किराए पर एक फ्लैट दिलवाया था, लेकिन उन्होंने तीन साल तक उस पर कब्जा बनाए रखा और बाद में किराया देने में भी काफी परेशानी पैदा की। अखिलेश खंडेलवाल का आरोप है कि हिमांशु गुप्ता उनकी पत्नी को उनके खिलाफ झूठी शिकायतें दर्ज कराने के लिए उकसा रहे हैं, और उनकी पत्नी महिला उत्पीड़न का एक मामला अदालत में हार चुकी हैं। अब उनका बेटा भी प्रताड़ना का शिकार हो रहा है, जिसकी वजह से उसने बैंगलोर में अपनी पढ़ाई छोड़ दी है।

अखिलेश खंडेलवाल ने अपनी शिकायत में कई गंभीर आरोप लगाए है और कहा है कि हिमांशु गुप्ता उनकी पत्नी के माध्यम से उनकी संपत्ति पर भी नजर रख रहे हैं और सरकारी अधिकारी होने का बेजा फायदा उठा रहे हैं। उन्होंने अपनी होंडा सिटी कार (नंबर CG.05.E-4347) वापस दिलाने की भी मांग की है, जो हिमांशु गुप्ता के पास है। इस मामले ने निश्चित रूप से प्रशासनिक गलियारों में हलचल मचा दी है और सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि इस गंभीर आरोप पर क्या कार्रवाई होती है। शिकायत के साथ साइबर क्राइम को दिया गया पत्र, जांच रिपोर्ट, न्यायालयीन आदेश और चैट मैसेज भी संलग्न किए गए हैं।

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