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जमीन का नया खेल: भदौरा में फिर सामने आया फर्जीवाड़े का मामला, चिड़ीपाल की भूमिका पर सवाल
बिलासपुर। मस्तूरी के भदौरा गांव में जमीन फर्जीवाड़े का एक और मामला सामने आया है। यहां एक ही जमीन को फर्जी दस्तावेजों के सहारे दूसरी बार बेच दिया गया है। इस पूरे मामले में एक बार फिर भदौरा कांड के चर्चित नाम 'चिड़ीपाल' की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। शिकायतकर्ता ने कलेक्टर से इस मामले की शिकायत की है और राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी मिलीभगत का आरोप लगाया है।
क्या है पूरा मामला?
शिकायतकर्ता राजकुमार सिंह के मुताबिक, भदौरा गांव की खसरा नंबर 283 और 288 की जमीन को फर्जी दस्तावेज बनाकर बेचा गया है। यह जमीन पहले पवन सिंह उर्फ बाबू सिंह ने 2010 में 'चिड़ीपाल गैसेस' के जसकरण सिंह गिल को बेच दी थी। हालांकि, पवन सिंह के साथ इस जमीन में उनके तीन भाई और एक बहन भी हिस्सेदार थे, लेकिन पवन ने खुद को अकेला वारिस बताकर यह जमीन बेची थी। इस पर उनके भाइयों और बहन ने विरोध जताते हुए अधिकारियों से शिकायत की थी, जिसके बाद पवन सिंह के खिलाफ मस्तूरी थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी और वह जेल भी गए थे।
विवादित जमीन को दूसरी बार बेचा
राजकुमार सिंह का आरोप है कि यह विवाद अभी पूरी तरह सुलझा भी नहीं था कि धेनुभारत पिता समारू यादव ने उसी जमीन को फर्जी दस्तावेज तैयार करके अकलतरा की संजू अग्रवाल को बेच दिया। इस रजिस्ट्री के बाद तहसील कार्यालय में नामांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन भी किया गया है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि इस फर्जीवाड़े में कई सरकारी कर्मचारी और अधिकारी भी शामिल हैं।
शिकायत में लगाए गए आरोप ये आरोप
राजकुमार सिंह ने अपनी शिकायत में तीन मुख्य आरोप लगाए हैं:
शिकायत का निराकरण किए बिना रजिस्ट्री: पवन सिंह के भाइयों और बहन की शिकायत का समाधान किए बिना ही जमीन की रजिस्ट्री करना कानूनी रूप से गलत है।
चिड़ीपाल गैसेस को दरकिनार करना: धेनुभारत ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन संजू अग्रवाल को बेच दी, जबकि पहले यह जमीन चिड़ीपाल गैसेस को बेची गई थी।
तालाब की जमीन की रजिस्ट्री: पटवारी के प्रतिवेदन के अनुसार यह जमीन तालाब की है। सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना तालाब की जमीन की रजिस्ट्री कराना भी अपराध की श्रेणी में आता है।
शिकायतकर्ता ने कलेक्टर से मांग की है कि इस पूरे मामले की विस्तृत जांच की जाए और फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले तथा इसमें शामिल सभी लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
