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बिलासपुर में कोयला डिपो पर पुलिस की पैनी नज़र: रिकॉर्ड खंगाले जा रहे, गड़बड़ी करने वालों पर सख्त कार्रवाई
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का फरमान: कोयला चोरों पर शिकंजा, कोयला कारोबारियो में दहशत।
बिलासपुर: वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने देर रात कोयला परिवहन करने वाले वाहनों और जगह-जगह कोयला प्लॉट का कारोबार चला रहे संचालकों पर कड़ी नजर रखने का फरमान जारी किया है। खासकर पेट्रोलिंग पार्टियों को कोयला भंडारण डिपो की गतिविधियों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं। सूत्रों की मानें तो पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों ने कोयला डिपो की ओर जाने वाले संदिग्ध वाहनों को भी विशेष रूप से जांचने के आदेश दिए हैं, जिसके बाद कोयला प्लॉट कारोबारियों के बीच हड़कंप मच गया है।
जानकारी के अनुसार, शासन के फरमान के बाद जमुना पाली बुड़बुड़ खदान से 25 किलोमीटर हवाई दूरी के दायरे में आने वाले कोयला प्लॉट कारोबारियों का तनाव अभी खत्म नहीं हुआ था कि अब पुलिस प्रशासन ने रतनपुर से हिर्री तक कोयला भंडारण करने वालों की सूची तैयार करने का आदेश सुना दिया है। सूत्रों के मुताबिक, वरिष्ठ पुलिस कप्तान ने जिला प्रशासन की सहमति से माइनिंग विभाग से खास तौर पर रतनपुर में कोयला भंडारण करने वालों की सूची मांगी है।
पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार, रतनपुर में सर्वाधिक वैध और अवैध कोयला प्लॉट संचालित होते हैं। इन दोनों ही प्रकार के प्लॉटों में कोयला चोरी की गतिविधियों को धड़ल्ले से अंजाम दिया जा रहा है। खदानों से कोयला परिवहन करने वाली गाड़ियों को देर रात कोयला प्लॉट संचालक के गुर्गे अपने प्लॉट पर ले जाते हैं। वहां निश्चित मात्रा में कोयला निकालने के बाद वाहनों में डोलोमाइट भर दिया जाता है। इसके एवज में कोल प्लॉट संचालक ड्राइवर को कुछ रुपयों का भुगतान भी करते हैं। इस मामले में कई शिकायतें पहले भी थाने तक पहुंची हैं और कार्रवाई के बावजूद कोयला चोर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, एक बार फिर पुलिस प्रशासन ने सख्त कार्रवाई का फैसला लिया है। वरिष्ठ पुलिस कप्तान ने थाना स्टाफ सहित पेट्रोलिंग पार्टियों को कोयला वाहनों और कोल प्लॉटों पर कड़ी नजर रखने का फरमान सुनाया है। किसी भी तरह की गड़बड़ी पाए जाने पर तत्काल कठोर कार्रवाई का आदेश भी दिया गया है।
गौरतलब है कि पुलिस ने कुछ महीने और साल भर पहले कोयला चोरी के मामले में मौर्या कोल डिपो समेत क्षेत्र के आधा दर्जन कोल डिपो के खिलाफ अपराध दर्ज किए थे। उस दौरान कुछ आरोपियों को जेल भी हुई, लेकिन कुछ लोग रसूख का फायदा उठाकर पुलिस से बच निकलने में कामयाब रहे। फिलहाल, संभावना जताई जा रही है कि इस बार ऐसा कुछ देखने को नहीं मिलेगा और पुलिस सख्ती से कार्रवाई करेगी।
