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48 घंटे जेल में रहने पर सस्पेंशन का नियम, मगर 15 दिन बाद भी ड्यूटी पर डॉक्टर
बिलासपुर। धोखाधड़ी के आरोप में 15 दिन जेल में रहने के बावजूद एक डॉक्टर सिम्स में ड्यूटी पर तैनात रहा। अब उसके खिलाफ ठगी की एक और शिकायत सामने आई है, जिस पर पुलिस एफआईआर लिखने से बच रही है। कानून के जानकारों के अनुसार, किसी सरकारी कर्मचारी के 48 घंटे से अधिक जेल में रहने पर उसे निलंबित करने का नियम है।
यह है पूरा मामला
आरोपी डॉक्टर संजय बंजारे ने जाजंगिरी कॉलोनी, रायपुर निवासी तितीक्षक से एक मकान बेचने का सौदा किया। इस सौदे के लिए उसने 47 लाख रुपए तय किए और तितीक्षक से 10 लाख रुपए एडवांस लिए। हालांकि, बाद में पता चला कि वह मकान पहले से ही बैंक में गिरवी है और उस पर अतिक्रमण भी है। जब तितीक्षक ने रजिस्ट्री के लिए कहा, तो डॉक्टर टालमटोल करने लगा। पीड़ित ने इसकी शिकायत एएसपी को भी की, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
वहीं, सिम्स के डीन डॉ. रामेश मूर्ति का कहना है कि इस मामले में संयुक्त चिकित्सा शिक्षा डीएमई रायपुर को जानकारी भेजी गई है और कार्रवाई के लिए उनके निर्देश का इंतजार है।
अधिवक्ता विनय दुबे ने बताया कि सरकारी सेवा में रहते हुए 48 घंटे से ज्यादा समय तक जेल में रहने पर कर्मचारी का निलंबन अनिवार्य होता है। इस बारे में जेल अधीक्षक को संबंधित विभाग को तत्काल सूचित करना होता है।
