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बिलासपुर हाईकोर्ट बार में चुनावी बिगुल, तारीखों का एलान, उम्मीदवारों की हलचल तेज़
बिलासपुर: बिलासपुर हाईकोर्ट के शांत और संजीदा गलियारे एक बार फिर चुनावी सरगर्मी से तपने को तैयार हैं। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही मानो परिसर की हवा में उत्साह, रणनीतियों और चर्चाओं का नया आयाम घुल गया है। वकालत की दुनिया का यह सबसे बड़ा स्थानीय लोकतांत्रिक पर्व, 5 फरवरी को होने वाले मतदान के साथ अपनी पूर्णता की ओर बढ़ेगा। मतदाता सूची से लेकर नामांकन और मतगणना तक का पूरा कैलेंडर सामने आ चुका है, और इसके साथ ही वकीलों के बीच गहमागहमी, मीटिंग्स और संभावित गठबंधनों की फुसफुसाहटें तेज़ी से तैरने लगी हैं।
चुनावी कैलेंडर के अनुसार, बार एसोसिएशन की पूरी प्रक्रिया दिसंबर से ही गति पकड़ लेगी। 15 दिसंबर तक बकाया शुल्क जमा करने का अंतिम मौका होगा, जिसके बाद 17 दिसंबर को मतदाता सूची का प्रारंभिक प्रकाशन चुनावी औपचारिकताओं का पहला बड़ा पड़ाव बनेगा। 2 से 5 जनवरी के बीच दावे–आपत्तियों की प्रक्रिया वकीलों के बीच एक नई हलचल पैदा करेगी, जबकि 9 जनवरी को अंतिम मतदाता सूची जारी होते ही उम्मीदवारों की रणनीतियाँ और स्पष्ट हो जाएँगी। इसके बाद नामांकन की कवायद शुरू होगी, 12 से 16 जनवरी तक फॉर्म का वितरण, 19 जनवरी तक जमा और 20 जनवरी को स्क्रूटनी, जो कई उम्मीदों को पंख देगी तो कुछ को जमीन पर उतार देगी।
21 जनवरी को पदवार उम्मीदवारों की प्राथमिक सूची जारी होने के साथ ही चुनावी मुकाबले की वास्तविक तस्वीर सामने आएगी। 23 जनवरी तक नाम वापसी की प्रक्रिया में कई समीकरण बदलेंगे और 27 जनवरी को अंतिम सूची सामने आते ही पूरा हाईकोर्ट परिसर एक जीवंत चुनावी कैनवास में बदल जाएगा। चाय की दुकानों से लेकर चेंबरों तक, हर जगह समर्थन, रणनीति और गठजोड़ की चर्चाएँ तेज़ होंगी। 5 फरवरी को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान का दिन वकीलों के लिए सिर्फ वोट डालने का अवसर नहीं, बल्कि अपने नेतृत्व की दिशा तय करने का क्षण होगा। अगले ही दिन मतगणना का रोमांच वातावरण में उत्सुकता भर देगा।
चुनावी परिणाम 10 फरवरी को प्रमाण-पत्र वितरण के साथ औपचारिक रूप से नए नेतृत्व को सौंपे जाएँगे और इसके साथ ही हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की नई टीम अपनी जिम्मेदारियों की शुरुआत करेगी। चुनाव कार्यक्रम घोषित होते ही यह स्पष्ट है कि आने वाले सप्ताह हाईकोर्ट के लिए बेहद सक्रिय, उत्साही और राजनीतिक रूप से रंगे हुए रहने वाले हैं। जहाँ एक ओर उम्मीदवार अपने-अपने विज़न को सामने लाएँगे, वहीं मतदाता वकील तय करेंगे कि आने वाले कार्यकाल में बार एसोसिएशन की बागडोर किस दिशा में बढ़ेगी। बिलासपुर हाईकोर्ट परिसर अब फैसलों के नहीं, बल्कि नेतृत्व चुनने के महत्वपूर्ण निर्णयों का साक्षी बनेगा।
