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रायपुर में 'रूबी' और 'रोहित' का आतंक: सूदखोरी ने उजाड़े कई घर, 10 लाख के बदले वसूले 1.16 करोड़; राइस मिलर BJP नेता से कनेक्शन की आशंका!
रायपुर। राजधानी रायपुर में राष्ट्रीय करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह तोमर उर्फ रूबी सिंह और उसके भाई रोहित तोमर का खौफनाक सूदखोरी का साम्राज्य और राइस मिलर संचालक से जुड़े तार की परते अब उधड़ने लगी है। लाखों रुपये अतिरिक्त वसूलने के बावजूद इनके आतंक का आलम यह है कि कोई भी पीड़ित शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था। शिकायत की कोशिश करने वाले के घर गुंडे-बदमाश भेजकर जान से मारने की धमकियां दी जाती थीं। इस दहशत का नतीजा यह था कि डर से लोग अपने घर तक बेचने को मजबूर हो गए।
उनके जाल में फंसे एक कपड़ा कारोबारी करण सोनी की आपबीती रोंगटे खड़े कर देती है। वर्ष 2017-18 में 10 लाख रुपये कर्ज लेने वाले करण से तोमर बंधुओं ने 2024 तक 1 करोड़ 16 लाख रुपये वसूल डाले! शुरुआत में सामान्य ब्याज वसूलने वाले ये सूदखोर, एक-दो महीने ब्याज न देने पर रोज के हिसाब से वसूली करने लगते थे। विरोध करने पर मारपीट और जान से मारने की धमकी देना इनकी पहचान बन गई थी। वसूली के लिए करण को अपनी दुकान तक बेचनी पड़ी। थानों में शिकायत करने पर भी कोई सुनवाई नहीं होती थी, जिससे हताश होकर करण ने रायपुर छोड़ नारायणपुर में शरण ली। अब उनकी शिकायत पर पुरानीबस्ती पुलिस ने वीरेंद्र सिंह तोमर, रोहित तोमर और उनके भतीजे दिव्यांश तोमर के अलावा आकाश मिश्रा, योगेश व अन्य के खिलाफ एक और गंभीर अपराध दर्ज किया है।
FIR होते ही हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र और रोहित फरार हो गए। मोबाइल बंद कर दिए, लेकिन दूसरे नंबरों से सोशल मीडिया पर पुलिस को लेकर टिप्पणियां कर रहे हैं। बताया जाता है कि दोनों भाई अपने समर्थकों के सुरक्षित ठिकानों पर छिपे हैं। पुलिस को वीरेंद्र की फॉर्च्यूनर कार (CG 04 NS 1111) भनपुरी के विमल एन्क्लेव में लावारिस हालत में मिली। पुलिस का दावा है कि यह कार किसी और के नाम पर किराए पर ली गई थी, जो इनके धंधे की अस्पष्टता को दर्शाता है।
इनकी सूदखोरी का तरीका बेहद शातिर और क्रूर है। जयदीप और नासिर जैसे पीड़ितों को 8 फीसदी ब्याज पर पैसा दिया जाता था, लेकिन तय समय पर ब्याज न चुकाने पर अगले दिन से प्रतिदिन के हिसाब से मनमाना ब्याज वसूला जाता था। पैसा न देने पर गुंडे घर भेजकर मारपीट करते, और अंततः जमीन या अन्य महंगी संपत्तियों को अपने नाम करवा लेते थे। इसी तरह ये दोनों भाई रातों-रात करोड़पति बन गए, बड़े बंगले और महंगी गाड़ियां खरीद लीं।
यही नहीं, भाठागांव निवासी मनीष साहू की 1100 वर्गफीट जमीन भी इन्होंने हड़प ली। डरा-धमकाकर जमीन के कागजात रख लिए और ग्राहकों को भगा देते थे। इस मामले में भी वीरेंद्र, रोहित, दिव्यांश व अन्य के खिलाफ वसूली, कर्जा एक्ट और संगठित अपराध का केस दर्ज किया गया है, और दिव्यांश को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। शहर में यह भी चर्चा है कि तोमर बंधु किसी प्रभावशाली भाजपा नेता के लिए काम करते हैं, जो स्वयं एक बड़े राइस मिल का मालिक है और ब्याज का धंधा चलाता है। इस बात ने मामले को और अधिक 'मसालेदार' बना दिया है और इस रैकेट की जड़ों के और गहरे होने की आशंका पैदा कर दी है।
