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सियासी ड्रामा हाई: सीएम के अपमान पर FIR; जिलाध्यक्ष केशरवानी सहित कई नेताओं पर अपराध दर्ज
बिलासपुर में बुधवार को हुए कांग्रेस के धरना प्रदर्शन के बाद शहर का राजनीतिक तापमान उफान पर है। जिस कांग्रेस को कलेक्टर कार्यालय तक पहुँचना था, वह अब सीधा थाने की चौखट पर पहुँच गई है। भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के जिला अध्यक्ष निखिल केशरवानी ने अपने समर्थकों के साथ सिविल लाइन थाने पहुँचकर कांग्रेस नेताओं के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर पुलिस ने कांग्रेस जिला अध्यक्ष विजय केशरवानी, विजय पांडेय, सदाब खान समेत अन्य नेताओं पर मामला दर्ज कर लिया है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि 27 नवंबर को नेहरू चौक पर प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक रास्ता जाम किया गया और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के पोस्टर के साथ अपमानजनक व्यवहार किया गया।
मुख्यमंत्री के पोस्टर का अपमान, रास्ता भी किया जाम
भाजयुमो ने अपनी शिकायत में बताया कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नेहरू चौक जैसे व्यस्त चौराहे को जाम कर दिया, जिससे आम लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी। इससे भी गंभीर आरोप यह है कि प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के पोस्टर के साथ अमर्यादित और अपमानजनक बर्ताव किया। भाजयुमो ने इसे संवैधानिक पद का सीधा अनादर बताया और कड़ी आपत्ति जताई।
सिविल लाइन थाना प्रभारी एस.आर. साहू ने इस मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि लिखित शिकायत मिलते ही पुलिस ने धारा 190, 191(2), 126(2) और 352 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है। एस.आर. साहू ने कहा कि पुलिस अब घटना के वीडियो फुटेज, प्रत्यक्षदर्शियों के बयान और मौके से जुटाए गए सबूतों के आधार पर अपनी जांच आगे बढ़ा रही है।

भाजयुमो की सख्त कार्रवाई की मांग
इस पूरे घटनाक्रम पर भाजयुमो ने इसे गंभीर मामला बताते हुए आरोपियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है। भाजपा का कहना है कि सड़क जाम करना और मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पद का अपमान करना किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, क्योंकि इन हरकतों से शहर की व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है।
उधर, एफआईआर दर्ज होने के बाद कांग्रेस की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। शहर में राजनीतिक टकराव अपने चरम पर है और सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि पुलिस जांच का रुख क्या रहता है। जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी पर एफआईआर दर्ज होने के बाद यह सवाल उठ रहा है कि जो प्रदर्शन कलेक्टर कार्यालय को घेरने के लिए शुरू हुआ था, वह थाने के चक्कर में क्यों उलझ गया?
