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अरे बाप रे.... देश के सबसे सेफ अहमदाबाद एयरपोर्ट पर इंडिगो कर्मी ही करवा रहे थे सोना तस्करी, चार माह में 100 किलो सोना निकाला
अहमदाबाद। देश के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले अहमदाबाद एयरपोर्ट पर इंडिगो एयरलाइंस के दो सुरक्षा अधिकारियों ने मिलकर 125 करोड़ रुपये के सोने की तस्करी का महा-रैकेट चला रखा था। डीआरआई (राजस्व खुफिया निदेशालय) ने इस सनसनीखेज रैकेट का पर्दाफाश किया है। आरोपी अल्ताफ उस्मान और संदीप राव पिछले चार महीनों में लगभग 120 उड़ानों से करीब 100 किलोग्राम सोना एयरपोर्ट से बाहर निकाल चुके थे, जिसके लिए वे प्रति किलोग्राम 1 से 1.50 लाख रुपये का कमीशन वसूलते थे। यह बेहद शर्मनाक है कि सुरक्षा की जिम्मेदारी जिन पर थी, वही देश की आँख में धूल झोंककर महीनों से यह गोरखधंधा चला रहे थे, और किसी भी बड़ी सुरक्षा एजेंसी को इसकी भनक तक नहीं लगी।
रैम्प-टू-रैम्प मूवमेंट से देते थे चकमा
तस्करों ने तस्करी के लिए एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 से टर्मिनल-2 के रैम्प का इस्तेमाल किया। ये इंडिगो कर्मी होने के नाते, उनका रैम्प-टू-रैम्प मूवमेंट रूटीन माना जाता था। जाँच सिर्फ आईडी तक सीमित थी, जिससे कोई उन पर शक नहीं करता था। यह चालाकी तब पकड़ी गई जब जाँच एजेंसी को जेद्दाह-अहमदाबाद फ्लाइट (6ई-76) की सीट 30-एफ की लाइफ जैकेट में चार गोल्ड कैप्सूल होने का सुराग मिला। यह सीट अब्दुल नासिर के नाम पर बुक थी, जिसके मोबाइल की टेलीग्राम चैट से पूरे नेटवर्क की पोल खुली।
लग्जरी लाइफस्टाइल से आए रडार पर
आरोपी अल्ताफ और संदीप हमेशा नाइट शिफ्ट में ही ड्यूटी करते थे, ताकि कम विजिबिलिटी और सुरक्षाकर्मियों की कम मौजूदगी का फायदा उठा सकें। वे इंटरनेशनल रैम्प से सीधे डोमेस्टिक रैम्प तक पहुँचते थे, जहाँ सीआईएसएफ सिर्फ आईडी जाँचती थी। बाहर आकर वे सरदार पटेल की प्रतिमा के पास सोना हैंडलर्स को सौंप देते थे, जो इलाका सीसीटीवी कवरेज से बाहर था। उनकी लग्जरी लाइफस्टाइल, जैसे आईफोन, कीमती घड़ियाँ और महंगे गैजेट्स, पहले से ही एजेंसी के रडार पर थीं।
रैकेट में पूरी चेन होने की आशंका
यह सवाल सबसे बड़ा है कि चार महीने तक सुरक्षा एजेंसियाँ इस बड़े खेल से अंजान क्यों रहीं? अधिकारियों ने बताया कि एजेंसियों का मुख्य ध्यान टर्मिनल गेट, बैगेज और पैसेंजर जाँच पर रहता है, रैम्प पर नहीं। इंडिगो एयरलाइंस ने दोनों आरोपियों को तुरंत नौकरी से हटा दिया है और ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (बीसीएएस) ने उनके एंट्री पास रद्द कर दिए हैं। डीआरआई को आशंका है कि रैकेट में सिर्फ ये दो सुरक्षाकर्मी नहीं, बल्कि पूरी चेन शामिल है। अब जाँच एजेंसी इंडिगो के अन्य स्टाफ और ग्राउंड स्टाफ की भूमिका की भी जाँच कर रही है और कई लोगों को समन भेजे जा सकते हैं।
