दागी अधीक्षण अभियंता अलोक अग्रवाल पर दुर्व्यवहार का आरोप, एफआईआर की मांग; बचाने में लगा मंत्री का OSD

रायपुर। छत्तीसगढ़ के जल संसाधन विभाग में इन दिनों भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का जिन्न बोतल से बाहर आ गया है। एक तरफ दागी अधीक्षण अभियंता (प्रभारी) आलोक अग्रवाल पर अपने ही विभाग के कर्मचारी से गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी देने का गंभीर आरोप लगा है, जिसकी एफआईआर की मांग की जा रही है, वहीं दूसरी ओर विभाग के मंत्री का ओएसडी आलोक अग्रवाल को बचाने में एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है! इस पूरे मामले ने विभाग और सरकार दोनों पर सवाल उठने लगे है। 

मानचित्रकार ने लगाए गंभीर आरोप, एफआईआर की मांग

नवा रायपुर स्थित जल संसाधन विभाग के मानचित्रकार दिलीप सिंह पैकरा ने सीधे पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक और पुलिस अधीक्षक रायपुर से शिकायत कर अधीक्षण अभियंता आलोक अग्रवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की गुहार लगाई है। पैकरा का आरोप है कि बीते 24 अप्रैल 2025 को सुबह करीब 11:15 बजे अग्रवाल ने उन्हें अपने दफ्तर बुलाया। पैकरा के मुताबिक, वहां लाल लाईन और जवाब यादव नाम के दो अन्य लोग भी मौजूद थे। पैकरा ने अपनी शिकायत में कहा है कि उनके पहुंचते ही आलोक अग्रवाल भड़क गए और उनसे बेहद अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए कहा, "अरे साले तुमको बुलाने के लिए अलग से आदेश करवाना पड़ेगा क्या, नीच कहीं का, साले तुमको जगदलपुर भेज दूंगा।" पैकरा ने आशंका जताई है कि आलोक अग्रवाल अपने पद और पैसे के दम पर उन्हें नुकसान पहुंचा सकते हैं, और अगर कोई अप्रिय घटना होती है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी अग्रवाल की होगी। इस मामले की शिकायत 25 अप्रैल 2025 को राखी थाने में भी दर्ज कराई गई थी, लेकिन पैकरा को अब तक इसकी कोई जानकारी नहीं मिली है।

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कौन है विवादित अधिकारी आलोक अग्रवाल ? 

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आलोक अग्रवाल जल संसाधन विभाग में कार्यपालन अभियंता के पद पर कार्यरत हैं और फिलहाल अधीक्षण अभियंता (प्रभारी) का जिम्मा संभाल रहे हैं। लेकिन उनकी सबसे बड़ी पहचान उनके खिलाफ दर्ज गंभीर आपराधिक मामले हैं। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) और एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) में उनके खिलाफ प्रकरण संख्या 56/2014 और 05/2015 दर्ज हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि ये दोनों मामले आज भी लंबित हैं। बावजूद इसके, पिछली सरकार के कार्यकाल में उन्हें न केवल सेवा में बहाल किया गया, बल्कि सहायक अभियंता से सीधे कार्यपालन अभियंता के महत्वपूर्ण पद पर पदोन्नति भी दे दी गई। अग्रवाल की इस 'खास' पदोन्नति पर विधानसभा में भी कई बार सवाल उठ चुके हैं, लेकिन सरकार ने चुप्पी साधे रखी है।

500 करोड़ के घोटाले का आरोपी OSD  बचाने में लगा 

इस पूरे मामले में अब एक नया और सनसनीखेज मोड़ आ गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एक ऐसा व्यक्ति जो खुद 500 करोड़ के रायगढ़ जमीन मुआवजा कांड में आरोपी रहा है, वह अब मंत्री के ओएसडी (ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) बनकर आलोक अग्रवाल को बचाने में लगा हुआ है। सूत्रों का दावा है कि यह ओएसडी रायपुर पुलिस अधीक्षक को फोन करके आलोक अग्रवाल पर एफआईआर दर्ज न करने और कोई कार्रवाई न करने के लिए दबाव डाल रहा है। 'राष्ट्रीय जगत विजन' ने इस मामले में जल्द ही कॉल डिटेल के साथ बड़ा खुलासा करेगा।

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