शराब घोटाला: 29 अधिकारियों ने गिरफ्तारी से बचने के झोंके 29 करोड़ निलंबित हुए पर जेल नहीं.......?

रायपुर । छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में 29 अधिकारियों की गिरफ्तारी और निलंबन न होने पर सवाल उठ रहे हैं। मीडिया में किरकिरी के बाद उन्हें निलंबित तो कर दिया गया, लेकिन गिरफ्तारी नहीं हुई। चर्चा है कि इन 29 अधिकारियों ने गिरफ्तारी से बचने के लिए 1 करोड़ रुपए प्रति अधिकारी के हिसाब से 29 करोड़ रुपए इकट्ठे किए। यह चढ़ावा एक राजनेता और एक अधिकारी को चढ़ाया गया। जिसके बाद इन अधिकारियों को गिरफ्तारी से मुक्ति मिल गई।

बड़ी मछलियां जाल में और छोटी को मिली छूट?

जहां इस मामले में एक पूर्व आबकारी मंत्री, एक मौजूदा विधायक, पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे और एक रिटायर्ड अधिकारी समेत 15 लोग जेल में हैं, वहीं 29 अधिकारियों की गिरफ्तारी न होना कई सवाल खड़े करता है। घोटाले में कुल 70 लोगों के शामिल होने की बात कही गई है, लेकिन 15 की ही गिरफ्तारी हुई है। अगर पैसे देकर बचने की बात को नजरअंदाज भी कर दिया जाए, तो यह किसी राजनीतिक दबाव का नतीजा हो सकता है, जिसे न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता।

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सत्ता का डर या भ्रष्टाचार?

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जानकारों का मानना है कि इन अधिकारियों ने सिर्फ सत्ता के डर से यह काम किया, लेकिन अगर ऐसा होता तो वे घोटाले से पैसा कमाकर संपत्तियां अर्जित नहीं करते। एजेंसियों ने इन अधिकारियों द्वारा अर्जित की गई संपत्तियों का खुलासा किया है, जिससे यह साफ होता है कि वे भी इस घोटाले में पूरी तरह से शामिल थे। यह मामला दिखाता है कि भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं और कैसे कुछ लोग कानून से बच निकलने में कामयाब हो जाते हैं।

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