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छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में भूपेश बघेल के करीबी तांत्रिक केके श्रीवास्तव पर FIR दर्ज, पार्टनर के साथ की 8 करोड़ की धोखाधड़ी
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में भूपेश बघेल के करीबी तांत्रिक केके श्रीवास्तव पर FIR दर्ज, पार्टनर के साथ की 8 करोड़ की धोखाधड़ी
बिलासपुर में छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के करीबी केके श्रीवास्तव पर 8 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का मामला दर्ज। दिवंगत साझेदार के परिवार को लाभ नहीं दिया, कॉलोनी की जमीन बेचने का आरोप। पुलिस ने धारा 420 के तहत जांच शुरू की।
बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के करीबी तांत्रिक केके श्रीवास्तव पर एक और एफआईआर दर्ज की गई है। यह मामला बिलासपुर का है, जहां उन पर अपने दिवंगत साझेदार के परिवार के साथ 8 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का आरोप है। जानकारी के अनुसार, केके श्रीवास्तव ने नर्मदा नगर के पास अमलताश कॉलोनी के निर्माण के लिए अपने साझेदार के साथ मिलकर काम शुरू किया था। साझेदार की मृत्यु के बाद उन्होंने मृतक के परिजनों से वादा किया था कि उन्हें उनके निवेश के आधार पर लाभ और बकाया राशि दी जाएगी। लेकिन आरोप है कि श्रीवास्तव ने कॉलोनी से कमाए गए 8 करोड़ रुपए खुद रख लिए और कॉलोनी की बंधक जमीन के बदले 1 करोड़ रुपए भी नहीं दिए।
केके श्रीवास्तव के खिलाफ यह FIR बिलासपुर जिले के नर्मदा नगर की अमलताश कॉलोनी निवासी रत्ना यादव ने सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई है. उनके मुताबिक उनके पति राजेश यादव और केके श्रीवास्तव अच्छे दोस्त थे. दोनों ने नौकरी छूटने के बाद मिलकर बिल्डर का व्यवसाय शुरू किया और बराबर पूंजी लगाई. व्यवसाय अच्छा चलने लगा और मुनाफा भी होने लगा. लेकिन 13 दिसंबर 2015 को राजेश यादव की मृत्यु हो गई. इसके बाद केके श्रीवास्तव ने समाज के प्रतिष्ठित लोगों की मौजूदगी में हुई एक बैठक में वादा किया कि राजेश यादव द्वारा अमलताश कॉलोनी में लगाई गई राशि के हिस्से का लाभ उनकी पत्नी रत्ना यादव और परिजनों को दिया जाएगा. इस बैठक का ऑडियो रिकॉर्ड भी किया गया था.
रत्ना यादव ने पुलिस को कहा कि उन्होंने उनके बच्चों और जीजा फणेश्वर यादव ने कई बार केके श्रीवास्तव से राशि की मांग की, लेकिन वह टालमटोल करते रहा. केके श्रीवास्तव ने पैसे न होने पर आधी जमीन देने की बात कही, लेकिन इस पर भी अमल नहीं किया. साल 2020-21 में केके श्रीवास्तव ने कॉलोनी की जमीन बेचकर 8 करोड़ रुपए कमाए, लेकिन स्वर्गीय राजेश यादव के परिवार को लाभ का कोई हिस्सा नहीं दिया. साथ ही बंधक भूखंड की 1 करोड़ रुपए की राशि भी नहीं दी.
रत्ना यादव ने बताया कि 3 दिसंबर 2016 को उनके जीजा फणेश्वर यादव ने श्रीवास्तव से दस्तावेज मांगे थे. 13 दिसंबर 2016 को केके श्रीवास्तव का कर्मचारी प्रशांत धीरी उनके घर आया और कॉलोनी से संबंधित दस्तावेजों का बंडल तैयार किया, जिसे श्रीवास्तव का ड्राइवर ले गया. इस घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई थी, जिसे साक्ष्य के रूप में पुलिस को सौंपा गया है. सिविल लाइन पुलिस ने केके श्रीवास्तव के खिलाफ धारा 420 के तहत धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.
