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समीक्षा : बिलासपुर में डीजीपी ने कसी पुलिस की लगाम, बोले- जनता की शिकायतें सुनें और तुरंत कार्रवाई करें
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अरुण देव गौतम ने बिलासपुर जिले में कानून व्यवस्था और पुलिसिंग की समीक्षा की। इस बैठक में उन्होंने अपराधों पर नियंत्रण, सामुदायिक पुलिसिंग को बढ़ावा देने और नए कानूनों का प्रभावी ढंग से पालन करने के लिए कई महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए। इस दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने जिले की कानून व्यवस्था और अपराधों से निपटने के लिए किए जा रहे कार्यों का एक विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया।
बीट सिस्टम को मजबूत करने पर जोर
बैठक में डीजीपी ने पुलिस के कामकाज को और बेहतर बनाने के लिए कई बिंदुओं पर जोर दिया। उन्होंने बीट सिस्टम को और प्रभावी बनाने, फिंगरप्रिंट की नैफिस प्रणाली का उपयोग बढ़ाने और उसके लिए पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग देने के निर्देश दिए। इसके अलावा, उन्होंने विवेचना में सीसीटीएनएस, ई साक्ष्य और ई समन जैसे आधुनिक तकनीकों का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने को भी कहा।
डीजीपी ने सामुदायिक पुलिसिंग के तहत चलाए जा रहे 'चेतना' जैसे कार्यक्रमों को संस्थागत रूप देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस को जनता के बीच बेहतर छवि बनाने के लिए समर्पण के साथ काम करना होगा।
सभी अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश
बैठक में बिलासपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक डॉ. संजीव शुक्ला, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह समेत जिले के सभी राजपत्रित अधिकारी मौजूद थे। डीजीपी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने थाना क्षेत्र में किसी भी अपराध की सूचना मिलते ही तुरंत घटनास्थल पर पहुंचें और त्वरित कार्रवाई करें। उन्होंने फरियादियों की शिकायतों को गंभीरता से सुनने और सभी लंबित मामलों का जल्द से जल्द निपटारा करने के लिए भी एक निश्चित व्यवस्था बनाने का निर्देश दिया।
इस समीक्षा बैठक में सकरी बटालियन, रेडियो कार्यालय, हाईकोर्ट और एयरपोर्ट सुरक्षा, विशेष आसूचना शाखा और अभियोजन कार्यालय जैसे महत्वपूर्ण विभागों के कार्यों की भी समीक्षा की गई। डीजीपी ने इन सभी विभागों को शासन और मुख्यालय के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा।
