- Hindi News
- अपराध
- छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के 142 मामले दर्ज, 6 अफसरों पर कार्रवाई की अनुमति अटकी; जांच पर असर
छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के 142 मामले दर्ज, 6 अफसरों पर कार्रवाई की अनुमति अटकी; जांच पर असर
रायपुर। छत्तीसगढ़ में राज्य आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो-एंटी करप्शन ब्यूरो (EOW-ACB) ने पिछले ढाई साल में भ्रष्टाचार के 142 मामले दर्ज किए हैं। इनमें कई IAS अधिकारी भी शामिल हैं, लेकिन 6 लोक सेवकों के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति अभी तक जांच एजेंसी को नहीं मिल पाई है। इस वजह से इन मामलों की जांच की रफ्तार धीमी हो गई है। जिन प्रमुख लोगों के खिलाफ अनुमति अटकी है, उनमें कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, NHAI के चेयरमैन सव्यसाची चौधरी, और झारखंड के संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह जैसे बड़े नाम शामिल हैं।
अनुमति के अभाव में जांच रुकी
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17A के तहत किसी भी लोक सेवक के खिलाफ जांच शुरू करने के लिए सरकार या संबंधित विभाग से अनुमति लेना अनिवार्य है। जांच एजेंसी को पत्र भेजने के 3 महीने बाद अगर कोई जवाब नहीं मिलता है, तो भी एजेंसी कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है। हालांकि, बाद में अदालती कार्यवाही में मुश्किलें न आएं, इसलिए EOW-ACB अनुमति मिलने के बाद ही कार्रवाई करती है। इसी वजह से इन 6 मामलों में जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है।
कौन-कौन हैं इन 6 लोक सेवकों में
रामगोपाल अग्रवाल: नागरिक आपूर्ति निगम के तत्कालीन चेयरमैन और कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल पर कस्टम मिलिंग घोटाले में राइस मिलरों से अवैध वसूली का आरोप है। EOW-ACB ने 13 फरवरी को कार्रवाई की अनुमति के लिए चिट्ठी लिखी थी, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला। कोल लेवी घोटाले में भी उन पर मामला दर्ज है और वो फरार घोषित हैं।
* NHAI के 3 बड़े अफसर: रायपुर-विशाखापट्टनम भारतमाला परियोजना में 48 करोड़ के मुआवजा घोटाले में NHAI के चेयरमैन सव्यसाची चौधरी, रीजनल ऑफिसर पंकज ओझा और एके मिश्रा पर धोखाधड़ी का आरोप है। EOW-ACB ने कार्रवाई की अनुमति के लिए NHAI को पत्र भेजा है, जिसका जवाब अभी तक नहीं मिला।
गजेंद्र सिंह: शराब घोटाले में फंसे झारखंड के संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति के लिए EOW-ACB ने झारखंड सरकार को दो बार पत्र लिखा, लेकिन वहां से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
आरसी दुग्गा: CCF (मुख्य वन संरक्षक) आरसी दुग्गा पर तेंदूपत्ता संग्राहकों के पारिश्रमिक में करोड़ों के भ्रष्टाचार का आरोप है। EOW ने इस मामले में कई अधिकारियों को गिरफ्तार किया है, लेकिन दुग्गा के खिलाफ कार्रवाई के लिए वन विभाग से अनुमति नहीं मिल पाई है। EOW ने इस संबंध में 2 जून को पत्र लिखा था।
अन्य मामलों में कार्रवाई जारी
EOW-ACB ने कुल 142 अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं। इनमें से 40 से ज़्यादा मामलों में चालान कोर्ट में पेश किया जा चुका है। भ्रष्टाचार के अलग-अलग मामलों में IAS अधिकारी निरंजन दास, अनिल टूटेजा, विवेक ढांड के खिलाफ जांच चल रही है, जबकि समीर विश्नोई और रानू साहू अंतरिम जमानत पर हैं।
