आईएएस धीमान चकमा रिश्वतकांड: 10 लाख की रिश्वत लेते धरा गया सब-कलेक्टर, घर से मिले 47 लाख नकद

रायपुर/भुवनेश्वर। ओडिशा की प्रशासनिक गलियारों में उस वक्त भूचाल आ गया, जब कालाहांडी जिले के धर्मगढ़ के युवा सब-कलेक्टर और 2021 बैच के आईएएस अधिकारी धीमान चकमा को राज्य सतर्कता विभाग ने 10 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोच लिया। भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत हुई इस सीधी कार्रवाई ने न सिर्फ उच्चाधिकारियों के होश उड़ा दिए हैं, बल्कि ओडिशा की प्रशासनिक व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जानकारी के अनुसार, धीमान चकमा पर एक स्थानीय व्यवसायी से 20 लाख रुपये की मोटी रिश्वत मांगने का आरोप है। आरोप है कि उसने व्यवसायी को धमकी दी थी कि यदि राशि नहीं दी गई, तो उसके व्यापारिक प्रतिष्ठान के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। व्यवसायी ने जब खुद को बेबस पाया, तो उसने फौरन सतर्कता विभाग का दरवाजा खटखटाया।

जाल बिछाकर रंगे हाथ पकड़ा

ओडिशा सतर्कता विभाग ने शिकायत की सत्यता की पुष्टि के बाद जाल बिछाया और 8 जून की रात को चकमा को उनके सरकारी आवास पर रिश्वत की पहली किश्त के रूप में 10 लाख रुपये लेते हुए धर दबोचा। यह संपूर्ण कार्रवाई गवाहों की मौजूदगी में की गई। चकमा के हाथों पर रसायन परीक्षण (chemical test) भी किया गया, जिसमें रिश्वत की रकम को छूने की पुष्टि हुई। गिरफ्तारी के बाद सतर्कता विभाग की टीम ने धीमान चकमा के सरकारी आवास और कार्यालय पर एक साथ छापेमारी की। इस छापेमारी के दौरान उनके आवास से 47 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी बरामद की गई। जब अधिकारियों ने इस नकदी के स्रोत के बारे में पूछताछ की, तो चकमा कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। नतीजतन, पूरी राशि जब्त कर ली गई।

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गिरफ्तारी के बाद चकमा को कालाहांडी की सतर्कता अदालत में पेश किया गया, जहां उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2018 की धारा 7 के तहत गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया। अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया है और सतर्कता विभाग ने मामले की तह तक जाने के लिए विस्तृत जांच शुरू कर दी है। विभाग यह पता लगाने में जुटा है कि इस बड़े रिश्वतखोरी कांड में और कौन-कौन लोग संलिप्त हैं। सूत्रों के अनुसार, धीमान चकमा का एक रिश्तेदार रायपुर में रहता है, जो उनके कथित अवैध वित्तीय लेन-देन और संपत्ति का हिसाब रखता है। सतर्कता विभाग अब इस एंगल की भी गहन जांच कर रहा है कि कहीं चकमा की काली कमाई और बेनामी संपत्ति रायपुर या छत्तीसगढ़ के अन्य हिस्सों में तो नहीं है। इस संबंध में रायपुर स्थित सतर्कता एजेंसियों से समन्वय स्थापित किया जा रहा है। इस शर्मनाक घटना ने प्रशासनिक हलकों में भूचाल ला दिया है, और जनता के बीच भ्रष्ट अधिकारियों के प्रति जबरदस्त आक्रोश देखा जा रहा है। सतर्कता विभाग ने साफ कर दिया है कि यह तो बस शुरुआत है, और आने वाले दिनों में चकमा के बैंक खातों, संपत्ति दस्तावेज़ों, और मोबाइल फोन की फॉरेंसिक जांच के बाद कई और बड़े खुलासे होने की प्रबल संभावना है।

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