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गिरफ्तारी से बचने पूर्व CM भूपेश बघेल सुप्रीम कोर्ट की शरण में, लगाई अग्रिम जमानत याचिका, जानें किन-किन घोटालों में है नाम और कब होगी सुनवाई
रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है। बघेल पर शराब घोटाला, कोयला घोटाला और महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप मामले में कई केंद्रीय एजेंसियों द्वारा जांच चल रही है। इन मामलों में उनके बेटे चैतन्य बघेल को भी गिरफ्तार किया गया है। बघेल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई होने की संभावना है।
गिरफ्तारी का डर, सुप्रीम कोर्ट की शरण में
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने अपनी याचिका में दावा किया है कि उन्हें राजनीतिक बदले की भावना से निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने जांच एजेंसियों पर दुर्भावनापूर्ण तरीके से काम करने का आरोप लगाया है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि जिस तरह उनके बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया गया है, उसी तरह उन्हें भी फंसाया जा सकता है। उन्होंने जांच एजेंसियों को पूरा सहयोग करने का आश्वासन भी दिया है।
किन-किन घोटालों में है नाम?
महादेव सट्टा ऐप घोटाला: सीबीआई ने भूपेश बघेल को इस मामले में नामजद आरोपी बनाया है। सीबीआई की एफआईआर में बघेल सहित 21 लोगों के नाम हैं। आरोप है कि बघेल ने महादेव ऐप के प्रमोटरों से संरक्षण शुल्क लिया था। इस मामले में 26 मार्च 2025 को 60 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी।
शराब घोटाला: प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने दावा किया है कि इस घोटाले में 2,161 करोड़ रुपये की आपराधिक आय हुई, जिसे अब ईओडब्ल्यू ने बढ़ाकर 3,200 करोड़ रुपये बताया है। ईडी के मुताबिक, इस मामले में चैतन्य बघेल ने 16.7 करोड़ रुपये का इस्तेमाल अपनी रियल एस्टेट परियोजना में किया।
कोयला घोटाला: इस मामले में भी बघेल का नाम जांच के दायरे में है। हालांकि, इस मामले में अभी तक कोई बड़ी कार्रवाई सामने नहीं आई है, लेकिन ईडी और ईओडब्ल्यू जैसी एजेंसियां लगातार जांच कर रही हैं।
बेटे चैतन्य बघेल की भी याचिका
शराब घोटाला मामले में जेल में बंद भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल ने भी सुप्रीम कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की है। चैतन्य ने अपनी याचिका में कहा है कि उनका नाम न तो ईडी की एफआईआर में है और न ही किसी गवाह के बयान में उनका जिक्र है। उनका कहना है कि उन्हें राजनीतिक मकसद से गिरफ्तार किया गया है। चैतन्य की गिरफ्तारी 18 जुलाई 2025 को हुई थी।
अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में क्या फैसला लेता है और क्या पूर्व सीएम भूपेश बघेल को राहत मिलती है या नहीं।
