पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे पर ईडी का बड़ा आरोप: शराब घोटाले का काला धन करते थे सफेद

रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ा दावा किया है। ईडी ने कोर्ट में रिमांड आवेदन में बताया है कि चैतन्य शराब घोटाले से मिले काले धन को सफेद करने का काम करते थे। जांच एजेंसी के मुताबिक, घोटाले की वसूली गई रकम को दीपेन चावड़ा और अनवर ढेबर से लेकर लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल को सौंपा जाता था, और इसका इस्तेमाल कहां, कैसे और कब करना है, इसके निर्देश चैतन्य ही देते थे। यह पूरा खेल शराब घोटाले के सिंडिकेट के जरिए चलाया जा रहा था।

ईडी ने रिमांड आवेदन में कहा है कि चैतन्य के कहने पर घोटाले की एक रकम तत्कालीन पीसीसी अध्यक्ष राम गोपाल अग्रवाल को भी दी गई थी। जैसे ही ईडी ने छापेमारी और गिरफ्तारी शुरू की, अग्रवाल फरार हो गए। ईडी अभी भी उनकी तलाश कर रही है।

मनी लॉन्ड्रिंग के साथ मनी लेयरिंग का भी आरोप

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ईडी का आरोप है कि चैतन्य ने शराब घोटाले से करीब 1000 करोड़ रुपए की कमाई को अलग-अलग तरीकों से इन्वेस्ट किया और उसे साफ सुथरी संपत्ति दिखाने की कोशिश की। इसे ईडी ने 'मनी लेयरिंग' बताया है। जांच एजेंसी ने यह भी दावा किया है कि इस वसूली गई रकम में से 80 से 100 करोड़ रुपए एक कथित तांत्रिक केके श्रीवास्तव को भी दिए गए थे।

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वन मंत्री बोले- भूपेश सरकार ने प्रदेश को बेचने के लिए कई हथकंडे अपनाए

मामले पर बोलते हुए वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि भूपेश बघेल की सरकार ने छत्तीसगढ़ को बेचने के लिए कई हथकंडे अपनाए। दिल्ली के दस जनपथ से मिले निर्देशों पर प्रदेश में जनता के खिलाफ फैसले लिए गए। उन्होंने आरोप लगाया कि शराब, महादेव, पीएसी और डीएमएफ जैसे घोटालों के जरिए जनता का पैसा लूटा गया और अब वे खुद को बेगुनाह साबित करने के लिए झूठ का सहारा ले रहे हैं।

बेटे से मिलने पहुंचे पूर्व सीएम बघेल

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रविवार दोपहर को अपने बेटे चैतन्य से मिलने रायपुर में ईडी दफ्तर पहुंचे। ईडी ने चैतन्य को पूछताछ के बाद शुक्रवार को गिरफ्तार किया था और कोर्ट ने उन्हें पांच दिन की रिमांड पर भेजा है। पत्रकारों से बात करते हुए भूपेश बघेल ने बताया कि चैतन्य की गिरफ्तारी के बाद उन्हें सबसे पहले राहुल गांधी और फिर प्रियंका गांधी का फोन

आया था।

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