साय सरकार ने जमीन गाइडलाइन दरों पर जारी किया नया आदेश.. तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश

रायपुर: प्रदेश में गाइडलाइन दरों एवं उपबंधों के पुनरीक्षण संबंधी केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड के निर्णय दिनांक 19.11.2025 को केन्द्रीय मूल्यांकन बोर्ड द्वारा राज्य में लागू गाइडलाइन दरों का पुनरीक्षण करते हुए नई दरें जारी की गई थी जिसके संबंध में विभिन्न हितधारकों से ज्ञापन, सुझाव एवं प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इनका परीक्षण कर निर्णय लेने के लिए केन्द्रीय मूल्यांकन बोर्ड की बैठक आयोजित की गई। केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड द्वारा लिए गए निर्णय निम्नानुसार हैं

 मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रविवार को पुनर्विचार करने का संकेत दिया था और ठीक 24 घंटे बाद केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड ने तत्काल बैठक कर दरों में व्यापक संशोधन कर दिया। इस बड़े यू-टर्न से फ्लैट और दुकानों को बड़ी राहत मिली है और अब जमीन रजिस्ट्री सस्ती हो जाएगी।

 

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  नई दरें जारी होते ही प्रदेशभर में लोगों ने जमकर आपत्ति दर्ज कराई थी। सोशल मीडिया से लेकर रियल एस्टेट सेक्टर तक में नाराज़गी और बेचैनी साफ दिखाई दे रही थी। विरोध को देखते हुए केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड ने सबसे बड़ा बदलाव इंक्रीमेंटल आधार पर भूखंड मूल्यांकन का प्रावधान खत्म करके किया है।

 

  •  नगरीय क्षेत्रों में अब पुरानी स्लैब व्यवस्था फिर से लागू होगी। यानी नगर निगम में 50 डेसिमल तक, नगर पालिका में 37.5 डेसिमल तक और नगर पंचायत में 25 डेसिमल तक की स्लैब दरें ही लागू होंगी।
  •  बहुमंजिला इमारतों में रहने वालों और दुकानदारों के लिए भी बड़ी खबर है। अब तक फ्लैट, दुकान और दफ्तर का मूल्यांकन सुपर बिल्टअप एरिया (जिसमें लॉबी, पार्किंग जैसे कॉमन एरिया भी शामिल होते थे) पर होता था, जिसे खत्म कर दिया गया है।
  • अब सीधे बिल्टअप एरिया के आधार पर मूल्यांकन होगा। बिल्डर्स और आम नागरिकों की यह मांग लंबे समय से थी।
  • सरकार के इस कदम से प्रोजेक्ट्स की लागत और स्टांप ड्यूटी दोनों में भारी कमी आएगी।

  माना जा रहा है कि इस फैसले से आम लोगों की जमीन रजिस्ट्री सस्ती होगी, घर खरीदने वालों पर बोझ कम होगा और रियल एस्टेट बाजार में आई सुस्ती दूर होगी। राज्य में ऊंची इमारतों यानी वर्टिकल डेवलपमेंट की राह भी आसान होगी।

 

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