छत्तीसगढ़: दुर्ग कोर्ट ने ननों की जमानत याचिका की खारिज, 8 अगस्त तक भेजा न्यायिक रिमांड पर

छत्तीसगढ़: दुर्ग कोर्ट ने ननों की जमानत याचिका की खारिज, 8 अगस्त तक भेजा न्यायिक रिमांड पर

छत्तीसगढ़ के दुर्ग में दो ननों की गिरफ्तारी पर बढ़ा विवाद। कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की, 8 अगस्त तक न्यायिक रिमांड में भेजा। जानें पूरा मामला और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं।

दुर्ग: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित धर्मांतरण मामले में दुर्ग रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार की गई दो ननों की जमानत याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया है। मंगलवार को दोनों ननों को दुर्ग की प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने गंभीर आरोपों का हवाला देते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया और उन्हें 8 अगस्त तक न्यायिक रिमांड पर भेजने का आदेश दिया।

25 जुलाई 2025 को दुर्ग रेलवे स्टेशन पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने दो ननों और एक युवक पर आरोप लगाया कि वे छत्तीसगढ़ की तीन आदिवासी युवतियों को धर्मांतरण के इरादे से उत्तर प्रदेश के आगरा ले जा रहे थे। इस आरोप के चलते स्टेशन पर काफी हंगामा हुआ, जिसके बाद GRP ने मौके पर पहुंचकर ननों और युवक को हिरासत में ले लिया। गिरफ्तार की गईं दोनों नन मलयाली मूल की हैं और "ग्रीन गार्डन्स" नामक धार्मिक समुदाय से संबंधित बताई जा रही हैं।

घटना के बाद मामला तेजी से राजनीतिक रंग लेने लगा है। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर ननों की रिहाई की मांग की है। इसके अलावा कांग्रेस नेता राहुल गांधी और AICC महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी राज्य सरकार पर सवाल खड़े किए हैं।

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29 जुलाई को INDI गठबंधन के चार सांसद और केरल के एक विधायक रायपुर पहुंचे और फिर दुर्ग जेल जाकर ननों से मुलाकात की। हालांकि जेल परिसर में भी हल्का हंगामा देखने को मिला, जिसे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हस्तक्षेप के बाद शांत कराया गया।

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प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, “छत्तीसगढ़ एक शांतिप्रिय राज्य है, जहां सभी धर्मों के लोग सौहार्द्रपूर्वक रहते हैं। राज्य सरकार किसी भी प्रकार की धार्मिक कट्टरता या नफरत को बढ़ावा नहीं देती। मामले की जांच पूरी तरह से न्यायिक प्रक्रिया के तहत हो रही है और कानून स्वतंत्र रूप से कार्य कर रहा है।”

इस संवेदनशील मामले में अगली सुनवाई अब 8 अगस्त को होगी। तब तक दोनों नन न्यायिक हिरासत में रहेंगी। इस बीच, सोशल मीडिया से लेकर सियासी मंचों तक, इस मुद्दे को लेकर चर्चाएं तेज हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि न्यायालय आगे क्या रुख अपनाता है।

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