हाईकोर्ट से चैतन्य को नहीं मिली राहत, ED और ACB को नोटिस, अगली सुनवाई 26 को 

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की याचिका पर बिलासपुर हाई कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आर्थिक अपराध शाखा-भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) से जवाब मांगा है। चैतन्य ने अपनी याचिका में अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए रिहाई और जमानत की मांग की है। इस मामले की अगली सुनवाई अब 26 अगस्त 2025 को होगी।

जस्टिस अरविंद वर्मा की सिंगल बेंच में हुई सुनवाई के दौरान, चैतन्य के वकील ने हाई कोर्ट से कहा कि ईडी ने बिना किसी ठोस आधार के उनके मुवक्किल को गिरफ्तार किया है। 

गौरतलब है कि ईडी ने चैतन्य को 18 जुलाई 2025 को कथित 2100 करोड़ रुपए के शराब घोटाले में गिरफ्तार किया था, और उन्हें इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड बताया था। फिलहाल वे रायपुर सेंट्रल जेल में न्यायिक हिरासत में हैं, जिसे 18 अगस्त 2025 तक बढ़ाया गया है।

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इससे पहले चैतन्य और उनके पिता भूपेश बघेल ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने प्रभावशाली व्यक्तियों द्वारा सीधे शीर्ष अदालत का रुख करने पर नाराजगी जताते हुए उन्हें पहले हाई कोर्ट जाने की सलाह दी थी। इसके बाद चैतन्य ने बिलासपुर हाई कोर्ट में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए याचिका दायर की है।

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ईडी का दावा है कि 2019 से 2022 के बीच छत्तीसगढ़ में शराब व्यापार में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुई थीं, जिसमें अधिकारियों, नेताओं और कारोबारियों की मिलीभगत सामने आई है। इस मामले में अब सभी की निगाहें 26 अगस्त को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जिसमें ईडी और एसीबी अपना पक्ष रखेंगे।

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