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तमनार पेड़ कटाई पर सियासी घमासान: भूपेश बघेल पर BJP का पलटवार
रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर से तमनार-गारे पेल्मा सेक्टर II कोल ब्लॉक में पेड़ कटाई के मुद्दे पर बीजेपी और केंद्र सरकार पर लगाए गए आरोपों ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। बघेल का दावा है कि विधानसभा में इस मुद्दे को उठाने की तैयारी के चलते उनके बेटे चैतन्य बघेल को जन्मदिन पर ईडी ने हिरासत में लिया। बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि पेड़ कटाई की अनुमति खुद बघेल सरकार ने दी थी। कांग्रेस 22 जुलाई को इस कार्रवाई के खिलाफ राज्यव्यापी चक्का जाम आंदोलन करने जा रही है।
बघेल ने 18 जुलाई को सोशल मीडिया पर लिखा कि तमनार में अडानी समूह के लिए पेड़ कटाई का मुद्दा विधानसभा में उठना था, लेकिन केंद्र सरकार ने ईडी भेजकर उनकी आवाज दबाने की कोशिश की। उन्होंने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया। दूसरी ओर, बीजेपी और वन मंत्री केदार कश्यप ने दस्तावेजों का हवाला देते हुए दावा किया कि तमनार कोल ब्लॉक के लिए पर्यावरण और वन स्वीकृति की प्रक्रिया बघेल सरकार के कार्यकाल में ही शुरू हुई। कश्यप ने कहा, जनसुनवाई से लेकर वन स्वीकृति तक, हर कदम पर कांग्रेस की सहमति थी। अब वे झूठ बोलकर जनता को गुमराह कर रहे हैं।
दस्तावेजों के मुताबिक, 27 सितंबर 2019 को बघेल सरकार और महाजेनको ने परियोजना के लिए जनसुनवाई की थी। 16 अक्टूबर 2019 को पर्यावरण स्वीकृति की अनुशंसा केंद्र को भेजी गई। 11 जुलाई 2022 को पर्यावरण मंत्रालय ने पहली स्वीकृति दी। वन स्वीकृति के लिए 19 अप्रैल 2022 को चरण-I की अनुशंसा और 2 जून 2022 को मंजूरी मिली। इसके बाद 23 जनवरी 2023 को चरण-II की अनुशंसा और 27 जनवरी 2023 को अंतिम मंजूरी दी गई।
कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा, यह कार्रवाई विपक्ष को दबाने की साजिश है। हम न डरेंगे, न झुकेंगे। दूसरी ओर, बीजेपी विधायक रोहित साहू ने कहा, बघेल सरकार के घोटालों की आंच अब उनके परिवार तक पहुंच रही है। जनता को सच पता है।
ईडी की कार्रवाई शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हुई, जिसमें चैतन्य को 18 जुलाई को हिरासत में लिया गया। बघेल ने इसे अडानी के खिलाफ उनकी लड़ाई से जोड़ते हुए कहा, कोई भी अडानी के खिलाफ बोलेगा, उसे निशाना बनाया जाएगा। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर 22 जुलाई को आर्थिक नाकेबंदी की घोषणा की है, जिसमें राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने भी समर्थन जताया है।
यह विवाद छत्तीसगढ़ की सियासत को और गर्मा रहा है। बीजेपी का कहना है कि बघेल अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए अडानी और केंद्र सरकार पर आरोप लगा रहे हैं, जबकि कांग्रेस इसे लोकतंत्र पर हमला बता रही है।
