छत्तीसगढ़ में जनगणना के लिए पिंगुआ बने इंचार्ज, जानिए कब से होगी शुरू प्रक्रिया

रायपुर : केंद्र सरकार ने आगामी राष्ट्रीय जनगणना के दौरान जातियों के आधार पर आंकड़े जुटाने का महत्वपूर्ण ऐलान कर दिया है. यह फैसला देश में एक बड़े सामाजिक और राजनीतिक बदलाव का सूचक है. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ में जातीय जनगणना के लिए अपर प्रमुख सचिव मनोज कुमार पिंगुआ को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जिसके संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी कर दिया है.

भारत में 2011 के बाद अब 16 साल बाद, 2027 में यह महत्वपूर्ण जनगणना होने जा रही है. केंद्र सरकार ने जनगणना अधिनियम 1948 की धारा 3 के तहत 2027 में जनगणना कराने का आदेश भी जारी कर दिया है. छत्तीसगढ़ में इस बहुप्रतीक्षित जातीय जनगणना के समन्वय की जिम्मेदारी मनोज कुमार पिंगुआ को सौंपी गई है, जिसका आदेश छत्तीसगढ़ सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी हुआ है.

भारत के महापंजीयक और जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण ने इस पूरी प्रक्रिया का विस्तृत कार्यक्रम बताया है. उनके अनुसार, 1 अप्रैल 2026 से मकानों की लिस्टिंग का काम शुरू होगा, जिसके साथ ही सुपरवाइजर्स और गणना कर्मचारियों की नियुक्ति तथा उनके काम का बंटवारा भी किया जाएगा. जनसंख्या की वास्तविक गणना 1 फरवरी 2027 को शुरू होगी. यह जनगणना दो चरणों में पूरी की जाएगी.

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यह भी जानकारी दी गई है कि लद्दाख, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे कुछ राज्यों में जातीय जनगणना की प्रक्रिया 1 अक्टूबर 2026 से ही शुरू हो जाएगी. केंद्र सरकार ने सभी संबंधित विभागों को 31 दिसंबर 2025 से पहले नगर निगमों, राजस्व गांवों, तहसीलों, उप विभागों या जिलों की सीमाओं में किसी भी प्रस्तावित बदलाव को पूरा करने का निर्देश दिया है, ताकि जनगणना की प्रक्रिया सुचारू रूप से संपन्न हो सके. यह जातीय जनगणना देश के सामाजिक ताने बाने और विकास योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण आंकड़े उपलब्ध कराएगी.

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