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कोल घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोपी राकेश जैन गिरफ्तार, फर्जी कंपनिया बना कर करता था करोड़ों की हेराफेरी
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोल लेवी घोटाले की जांच कर रही आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) ने वसूली के पैसों काले धन को सफेद बनाने वाले मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है। बुधवार को राकेश कुमार जैन को रायपुर से गिरफ्तार किया गया। जैन पर दर्जनभर फर्जी कंपनियों का जाल बिछाकर करोड़ों रुपये की काली कमाई को लेयरिंग (घुमाकर वैध दिखाने) करने का संगीन आरोप है।
ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने बताया कि जैन अपने साले, कर्मचारियों और जान-पहचान के लोगों के नाम पर शेल कंपनियां चलाता था। इन कंपनियों के कागज़ों पर अवैध वसूली का पैसा आता और फिर यह पैसा हवाला चैनलों की मदद से मुख्य आरोपियों तक पहुँचाया जाता था। इस बड़े खेल के बदले जैन मोटा कमीशन लेता था।
सूर्यकांत तिवारी और अनवर ढेबर तक पहुंचाता था रकम
जांच में यह भी खुलासा हुआ कि जैन ने 50 करोड़ रुपये से ज़्यादा की रकम सीधे नकद में निकालकर घोटाले के मुख्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी तक पहुँचाई। ईओडब्ल्यू सूत्रों ने बताया कि केवल कोल घोटाला ही नहीं, जैन शराब घोटाले से जुड़े आरोपी अनवर ढेबर तक भी एंट्री के जरिए रकम वैध दिखाने का काम करता था। ईओडब्ल्यू अब इन वित्तीय लिंक्स की गहराई से जांच कर रही है।
राकेश जैन के खिलाफ पहले से ही कोतवाली और मौदहापारा थाने में आपराधिक मामले दर्ज हैं और वह लंबे समय से फरार चल रहा था। ईओडब्ल्यू की टीम काफी समय से उसकी गतिविधियों पर बारीक नजर रखे हुए थी।
गिरफ्तारी के बाद जैन को विशेष न्यायालय में पेश किया गया। कोर्ट ने उसे 19 दिसंबर तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। अब ईओडब्ल्यू की टीम उससे अवैध वसूली की पूरी चेन, काली कमाई के अंतिम ठिकाने और बाकी वित्तीय कड़ी की सख्ती से पूछताछ करेगी।
