अवैध निर्माण पर सियासत गरमाई, महापौर के 'समाज प्रेम' पर सवाल

माना अवैध निर्माण है, मगर रियायत देने की पैरवी

बिलासपुर। नगर निगम द्वारा नजूल जमीन पर किए गए अवैध निर्माणों को ढहाने की कार्रवाई ने बिलासपुर में राजनीतिक हलचल मचा दी है। इस कार्रवाई पर महापौर पूजा विधानी ने निगम प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए भवन शाखा अधिकारी को जमकर फटकार लगाई। हालांकि, अब महापौर के इस 'समाज प्रेम' को लेकर सवाल उठने लगे हैं और उन पर दोहरे रवैये का आरोप लगाया जा रहा है।

शनिवार को ज्वाली नाला पुल के आसपास राजस्व विभाग और नगर निगम ने संयुक्त रूप से अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाया। अधिकारियों के अनुसार, इन निर्माणों में नियमों का उल्लंघन किया गया था और कई लोगों ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया था। जांच में सिंधी समाज के व्यापारियों द्वारा किए गए अवैध निर्माणों की पुष्टि हुई, जिसमें तीसरी मंजिल पर बिना अनुमति लेंटर डालने और सरकारी भूमि पर अवैध सीढ़ियां बनाने जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। निगम ने करीब आधा दर्जन व्यापारियों के अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया।

इस कार्रवाई से आक्रोशित सिंधी समाज के व्यापारी सीधे महापौर पूजा विधानी के पास शिकायत लेकर पहुंचे। व्यापारियों ने आरोप लगाया कि केवल उन्हीं के समाज के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है, जबकि बोहरा समाज के व्यापारियों को मोहलत दी गई। व्यापारियों ने लाखों रुपये के नुकसान का दावा भी किया।

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व्यापारियों की शिकायत सुनने के बाद महापौर पूजा विधानी का पारा चढ़ गया। उन्होंने निगम के भवन शाखा प्रभारी सुरेश शर्मा को अपने चेंबर में बुलाकर सबके सामने जमकर फटकार लगाई। महापौर ने सवाल किया कि जब निर्माण हो रहा था तब नोटिस क्यों नहीं दिया गया और अब निर्माण पूरा होने के बाद ही कार्रवाई क्यों की जा रही है। उन्होंने गुस्से में कहा, "सिंधी समाज को आप लोगों ने पागल समझ रखा है क्या?" महापौर ने अधिकारियों को भविष्य में जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लेने और मानवीय संवेदनाओं का ध्यान रखने की नसीहत दी।

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हालांकि, महापौर के इस रुख पर अब कई सवाल खड़े हो गए हैं। जिस अवैध निर्माण पर यह कार्रवाई हुई है, उसकी शिकायत खुद भाजपा नेता और एमआईसी मेंबर बंधु मौर्य ने की थी। उनकी शिकायत पर ही राजस्व और निगम की संयुक्त टीम ने जांच की और अवैध निर्माण की पुष्टि के बाद कार्रवाई की। ऐसे में, एक भाजपा नेता की शिकायत पर हुई वैध कार्रवाई पर महापौर का यूं भड़कना और एक विशेष समाज के प्रति 'पक्षपातपूर्ण' रवैया अपनाना कई लोगों को खटक रहा है। शहर में इस बात की चर्चा गरम है कि जब अवैध निर्माण पर कार्रवाई हो रही थी, तब महापौर ने एक विशेष समाज के लिए ही क्यों हस्तक्षेप किया। महापौर की नाराजगी का वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने इस विवाद को और हवा दे दी है।

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