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सक्ती में 35 आदिवासी परिवारों की घर वापसी: प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने पैर धोकर कराई सनातन धर्म में वापसी
सक्ती में 35 आदिवासी परिवारों की घर वापसी: प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने पैर धोकर कराई सनातन धर्म में वापसी
छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले में 35 आदिवासी परिवारों ने ईसाई धर्म छोड़कर भाजपा नेता प्रबल प्रताप सिंह जूदेव के नेतृत्व में 'घर वापसी' कर फिर से सनातन धर्म अपनाया। धर्मांतरण के खिलाफ अभियान और मिशनरी एजेंटों पर लगाए आरोप।
सक्ती: छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले में आज एक बड़ा सामाजिक-सांस्कृतिक आयोजन देखने को मिला, जब ईसाई धर्म अपना चुके 35 आदिवासी परिवारों ने घर वापसी कर सनातन धर्म को पुनः अपना लिया। यह कार्यक्रम अखिल भारतीय घर वापसी संगठन के तत्वावधान में संपन्न हुआ, जिसमें बीजेपी नेता और संगठन प्रमुख प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने पारंपरिक रीति से इन परिवारों का स्वागत किया और उनके पैर धोकर सम्मानपूर्वक धर्म में वापसी कराई।
इस मौके पर प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने कहा, यह सिर्फ एक घर वापसी नहीं, बल्कि धर्मांतरण कराने वाले मिशनरी एजेंटों के लिए स्पष्ट संदेश है। ये लोग स्लीपर सेल की तरह काम करते हैं और सेवा के नाम पर धर्मांतरण का सौदा करते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नीतियों के कारण शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में मिशनरियों को बढ़ावा मिला, जिसके माध्यम से जनजातीय समुदायों में कन्वर्जन को बढ़ाया गया।
शिव शक्ति रूद्र महाभिषेक" और घर वापसी कार्यक्रम के दौरान जनजातीय क्षेत्रों में धर्मांतरण के खिलाफ जनजागरण की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया। मंच पर राष्ट्रीय कथा वाचिका दीदी प्रज्ञा भारती, झोबा आश्रम के स्वामी दिव्यानंद, स्वामी कौशलेन्द्र कृष्ण महाराज, और अन्य संत-धर्माचार्य भी उपस्थित रहे।
सपरेली गांव की कविता सुमन, जिन्होंने वापस सनातन धर्म अपनाया, ने मंच से बताया कि, मसीही समाज के लोग बार-बार घर आते थे और कहते थे कि तुम्हारा धर्म गलत है, हम तुम्हारी मदद करेंगे। मैं भ्रमित होकर धर्मांतरण कर बैठी, लेकिन अब समझ में आ गया कि मेरी जड़ें सनातन में ही हैं। मैं गर्व के साथ वापस लौट रही हूं।
जूदेव के नेतृत्व में अब तक 15,000 से अधिक लोगों की घर वापसी कराई जा चुकी है। संगठन का दावा है कि जो भी व्यक्ति या परिवार कभी सनातन परंपरा का हिस्सा था, वह पुनः लौटना चाहे तो उसका स्वागत है। संगठन के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि धर्म का प्रचार करना अलग बात है, लेकिन दूसरे धर्मों का अपमान कर और झूठ फैलाकर धर्मांतरण कराना घातक प्रवृत्ति है। उन्होंने कहा कि वे इस प्रवृत्ति के विरुद्ध लगातार लड़ाई लड़ते रहेंगे।
