मेडिकल कॉलेज मान्यता रिश्वतकांड: ED की बड़ी कार्रवाई; 10 राज्यों में छापेमारी, छत्तीसगढ़ के 4 कॉलेज निशाने पर 

रायपुर । मेडिकल कॉलेजों को मान्यता दिलाने के नाम पर चल रहे भारी रिश्वतकांड की जांच अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) के हाथ में आ गई है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की एफआईआर के आधार पर, ED ने गुरुवार को देश के 10 राज्यों में एक साथ बड़ी छापेमारी की। छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश में हुई इस कार्रवाई की खबर आज (शुक्रवार) प्रमुखता से सामने आई है।

 दिल्ली से आई ED की टीम ने छत्तीसगढ़ के रायपुर और भिलाई क्षेत्र के चार बड़े निजी मेडिकल कॉलेजों - रावतपुरा मेडिकल कॉलेज (नवा रायपुर), RIMS, बालाजी मेडिकल कॉलेज, और शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज (भिलाई) पर छापा मारा। सूत्रों ने बताया कि इन कॉलेजों से जुड़े करीब सात परिसरों और संबंधित व्यक्तियों के ठिकानों पर धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत कार्रवाई की गई, जिसमें मान्यता प्रक्रिया के कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए हैं।

देशभर में फैला था रिश्वत का जाल

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यह छापेमारी केवल छत्तीसगढ़ तक सीमित नहीं थी। ED ने आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में भी कई ठिकानों पर दबिश दी है। यह पूरा सिंडिकेट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय तक फैला हुआ बताया जा रहा है, जहाँ सरकारी अधिकारी मोटी रिश्वत लेकर कॉलेजों के निरीक्षण की गोपनीय जानकारी बिचौलियों तक लीक कर देते थे।

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55 लाख की रिश्वत में पकड़े गए थे 6 लोग

ED की यह कार्रवाई 30 जून को CBI द्वारा दर्ज एफआईआर पर आधारित है। CBI ने जून में ही रावतपुरा मेडिकल कॉलेज की मान्यता रिपोर्ट को ‘अनुकूल’ बनाने के लिए ₹55 लाख की रिश्वत लेते हुए निरीक्षण दल के तीन डॉक्टरों और उनके सहयोगियों को बेंगलुरु में रंगेहाथ पकड़ा था। पकड़े गए लोगों में डॉ. मंजप्पा सी.एन., डॉ. चैत्रा एम.एस., डॉ. अशोक शेलके, कॉलेज निदेशक अतुल कुमार तिवारी, सतीश ए. और रविचंद्र के. शामिल थे। ये लोग हवाला के जरिए पैसे ले रहे थे।

 

चौंकाने वाले खुलासे

CBI की एफआईआर में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के संयुक्त निदेशक डॉ. जीतू लाल मीणा को दी गई भारी रिश्वत से राजस्थान के सवाई माधोपुर में ₹75 लाख की लागत से एक मंदिर बनवाया गया था। इसके अलावा, विशाखापट्टनम के गायत्री मेडिकल कॉलेज को मान्यता दिलाने के लिए अकेले ₹2.5 करोड़ की रिश्वत ली गई थी। जांच में स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी चंदन कुमार पर भी गोपनीय फाइलें लीक करने का आरोप लगा है। गौरतलब है कि लगभग पाँच महीने पहले भी CBI ने देशभर में 40 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी और कई महत्वपूर्ण डिजिटल सबूत और दस्तावेज बरामद किए थे।

ED की इस कार्रवाई से मेडिकल कॉलेजों में हड़कंप मच गया है और आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।

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