देवरीखुर्द में भू-माफिया का आतंक: फर्जी मुख्तियारनामा से जमीन हड़पी, अवैध प्लाटिंग बदस्तूर जारी 

बिलासपुर, 10 अप्रैल। देवरीखुर्द , विजय नगर,बूटापारा , दोमुहानी में भू-माफियाओं की धमक से पूरा क्षेत्र थर्रा उठा है। क्षेत्र की जनता त्राहिमाम कर रही है, क्योंकि यहां बड़े पैमाने पर बिना रेरा (Real Estate Regulatory Authority) और नगर तथा ग्राम नियोजन (Town and Country Planning - TNC) की अनुमति के कच्ची प्लाटिंग का कार्य जोरों पर है। देवरीखुर्द के बूटापारा, दोमुहानी और विजयनगर में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं, और पूरे क्षेत्र की जमीनों पर भू-माफियाओं की बुरी नजर है। स्थानीय लोगों का कहना है कि क्षेत्र में विष्णु देव सरकार के सुशासन का कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है।

इसी कड़ी में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जब देवरीखुर्द के  भू-माफियाओं ने पंजीयन कार्यालय में एक महिला को खड़ा कर धोखाधड़ी से फर्जी मुख्तियारनामा हासिल कर लिया। इसके बाद, उन्होंने एक व्यक्ति के स्वामित्व वाली बेशकीमती जमीन को दो अन्य लोगों के नाम पर पंजीकृत करा दिया। जब असली भू-स्वामी उमेंद्र राम भार्गव को इस गोरखधंधे की जानकारी हुई, तो उन्होंने तत्काल कलेक्टर अवनीश शरण से शिकायत की। कलेक्टर के त्वरित निर्देश पर एसडीएम मनीष साहू ने मामले की गहन जांच की, जिसमें भू-माफियाओं का यह काला कारनामा उजागर हो गया। पीड़ित की शिकायत पर सिविल लाईन थाना पुलिस ने भू-माफिया बजरंग प्रसाद गौतम समेत अन्य शातिर आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और दस्तावेजों में कूटरचना का गंभीर मामला दर्ज कर अपनी तफ्तीश शुरू कर दी है।
जरहाभाठा निवासी उमेंद्र राम भार्गव ने 3 अक्टूबर 2020 को मायादेवी पति लक्ष्मीशंकर सिंह से देवरीखुर्द स्थित खसरा नंबर 38/12 की 2400 वर्ग फीट जमीन खरीदी थी। दुर्भाग्यवश, वे किन्हीं कारणों से इसका नामांतरण नहीं करा पाए थे। इसी चूक का फायदा उठाते हुए शातिर भू-माफिया बजरंग प्रसाद गौतम ने वर्ष 2020 में माया देवी के नाम से एक हमशक्ल महिला का फर्जी आधार कार्ड बनवाया। फिर, धोखे से तैयार किए गए इन नकली दस्तावेजों के साथ उस महिला और अपने प्यादे गवाहों को पंजीयक के सामने पेश कर फर्जी मुख्तियारनामा अपने नाम करा लिया। इतने पर भी उनका मन नहीं भरा, उन्होंने कथित तौर पर उक्त जमीन का बी-1 और बी-2 लगाकर एक फर्जी ऋण पुस्तिका भी तैयार कर ली। इस फर्जीवाड़े के दम पर बजरंग प्रसाद ने उमेंद्र राम भार्गव की असली जमीन का सौदा 9 जनवरी 2020 को सुषमा गुप्ता और अरविंद गुप्ता नामक दो व्यक्तियों से कर डाला और 13 फरवरी को उस जमीन की रजिस्ट्री भी उनके नाम पर करा दी। कोरोना संक्रमण की लहर कमजोर पड़ने के बाद जब उमेंद्र अपने प्लॉट पर पहुंचे, तो उन्हें वहां सुषमा और अरविंद का अवैध कब्जा मिला, जिससे उनके पैरों तले जमीन खिसक गई।
इस सनसनीखेज मामले में तत्कालीन पटवारी, राजस्व निरीक्षक (आरआई), तहसीलदार समेत अन्य सरकारी मुलाजिमों की संदिग्ध भूमिका भी जांच के दायरे में है। पुलिस की शुरुआती जांच में यदि इन अधिकारियों की मिलीभगत पाई जाती है, तो उनके नाम भी एफआईआर में जोड़े जा सकते हैं और उन्हें भी इस धोखाधड़ी के खेल में बराबर का भागीदार माना जाएगा।
गौरतलब है कि देवरीखुर्द क्षेत्र में अवैध प्लाटिंग का धंधा खूब फल-फूल रहा है और प्रशासन इस पर लगाम कसने में नाकाम साबित हो रहा है। बिना रेरा और टीएनसी की अनुमति के जमीनों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर बेचा जा रहा है, जिससे खरीदारों के हितों पर खतरा मंडरा रहा है। नगर तथा ग्राम नियोजन (टीएनसी) किसी भी क्षेत्र के सुनियोजित विकास के लिए आवश्यक है, जबकि रेरा घर खरीदारों के हितों की रक्षा करता है और रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता लाता है। इन नियमों का खुलेआम उल्लंघन क्षेत्र में भू-माफियाओं के बेलगाम हौसलों की कहानी को बयां करता  है । 

 

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देवरीखुर्द में अब भी बड़े भूमाफिया सक्रिय

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देवरी खुर्द क्षेत्र में अभी भी बड़े स्तर पर अवैध प्लाटिंग का खेल जारी है कुछ बड़े भूमाफिया प्लानिंग करके क्षेत्र में बिना टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के बिना ही प्लाटिंग कर रहे हैं जिसकी जानकारी राजस्व विभाग को होने के बाद भी विभाग मौन बैठा हुआ है।

 

पटवारी की मिली भगत या कहानी के पीछे कोई और 


पूरे क्षेत्र में चल रही अवैध प्लाटिंग को लेकर क्षेत्र में चर्चा का बाजार गर्म है कुछ लोगों का कहना है कि क्षेत्र के पटवारी के मिली भगत से अवैध प्लाटिंग का काम फल फूल रहा है वहीं कुछ का कहना है कि राजस्व विभाग के एक बड़े अधिकारी का अभयदान क्षेत्र को भू माफिया को प्राप्त है । भूमाफियों जिसे कमाई की रकम का एक बड़ा हिस्सा हर डील के बाद पहुंचा देते है।

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