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तबादलों पर सरकार की नीति बेअसर: 2 अधिकारियों को डेढ़ महीने बाद भी रिलीव नहीं किया गया
रायपुर। छत्तीसगढ़ में सरकारी अधिकारियों के तबादलों पर सरकार की अपनी ही नीति बेअसर दिख रही है। 30 जून को जारी हुए स्थानांतरण आदेशों के डेढ़ महीने बाद भी कई अधिकारियों को उनके वर्तमान पद से रिलीव नहीं किया गया है। इनमें कोरबा की जिला कार्यक्रम अधिकारी रेणु प्रकाश और संचालनालय रायपुर की नीलम देवांगन जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। जबकि, सरकार की स्थानांतरण नीति कहती है कि 15 दिन के भीतर रिलीव नहीं करने वाले अधिकारियों को निलंबित किया जाएगा। इसके बावजूद, उच्च अधिकारियों की चुप्पी ने इस नीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
रेणु प्रकाश का कोरबा से जाने से इनकार
सूत्रों के मुताबिक, कोरबा की जिला कार्यक्रम अधिकारी रेणु प्रकाश का तबादला कोंडागांव हुआ है, लेकिन वे किसी भी हाल में कोरबा छोड़ने को तैयार नहीं हैं। एक अधिकारी से हुई मुलाकात में उन्होंने बताया कि उन्हें वरिष्ठ अधिकारियों ने हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर करने का मौका दिया है। यह चौंकाने वाली बात इसलिए भी है क्योंकि तबादला आदेश को डेढ़ महीने से ज्यादा समय हो चुका है।
उच्च अधिकारी बने मौन दर्शक
इस पूरे मामले में सचिव शम्मी आबिदी, संचालक पी एस एल्मा, विभागीय मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े और कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत की चुप्पी आश्चर्यजनक है। नीति के अनुसार, समय पर रिलीविंग न होने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन इन वरिष्ठ अधिकारियों की तरफ से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। इससे सरकार की स्थानांतरण नीति की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं।
नीलम देवांगन का मामला भी अटका
इसी तरह, संचालनालय रायपुर से नीलम देवांगन का तबादला जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी, रायगढ़ के पद पर हुआ था। उनका भी अभी तक रिलीविंग नहीं हो पाया है।
