मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक: की गई बड़ी घोषणाएं

संरक्षण से समृद्धि तक: छत्तीसगढ़ सरकार के फैसलों से बदलेगा विकास का चेहरा

रायपुर/ राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में कई बड़े और जनहितकारी निर्णय लिए गए। बैठक मानसून सत्र से पहले हुई, जिसमें मुख्य रूप से शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों के लिए अनुकम्पा नियुक्ति नीति में संशोधन, टाइगर फाउंडेशन सोसायटी की स्थापना, और प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत वित्तीय सहायता जैसे अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।

शहीद पुलिसकर्मियों के लिए अनुकम्पा नियुक्ति की नीति में संशोधन करते हुए अब यह निर्णय लिया गया है कि नक्सली हिंसा में शहीद हुए पुलिसकर्मियों के परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति के लिए किसी भी विभाग और जिले में नियुक्ति का विकल्प मिलेगा। पहले यह नियुक्ति उन्हीं विभागों और कार्यालयों में होती थी, जहां दिवंगत कर्मचारी कार्यरत थे।

राज्य में तेजी से घट रही बाघों की संख्या को ध्यान में रखते हुए सरकार ने छत्तीसगढ़ टाइगर फाउंडेशन सोसायटी के गठन का भी निर्णय लिया है। यह संस्था वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत कार्य करेगी और इसके संचालन में स्थानीय समुदाय की भी भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। इसका उद्देश्य बाघों के संरक्षण के साथ-साथ ईको-पर्यटन को बढ़ावा देना और रोजगार के अवसर सृजित करना है।

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मंत्रिपरिषद ने अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना को लागू करने और इसमें राज्य की ओर से अतिरिक्त वित्तीय सहायता देने का भी निर्णय लिया। उदाहरण के तौर पर 1 किलोवाट के सोलर प्लांट पर राज्य सरकार 15,000 रुपये और केंद्र 30,000 रुपये की सहायता देगी। इसी तरह 3 किलोवाट या उससे अधिक के संयंत्र पर कुल 1.08 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। वर्ष 2025-26 में 60,000 और 2026-27 में 70,000 सोलर प्लांट स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।

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इसके अलावा रामकृष्ण मिशन आश्रम नारायणपुर की सहयोगी संस्था 'विश्वास' को रामकृष्ण मिशन में ही मर्ज करने की मंजूरी दी गई। बेमेतरा जिले के बेलगांव में उद्यानिकी विश्वविद्यालय के लिए 100 एकड़ भूमि आवंटित करने का भी निर्णय लिया गया।

जशपुर जिले के महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा बनाए जा रहे 'JashPure' ब्रांड को राज्य सरकार अथवा छत्तीसगढ़ स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (CSIDC) को हस्तांतरित करने का प्रस्ताव भी मंजूर किया गया। इससे स्थानीय उत्पादों को व्यापक बाजार मिलेगा और महिला समूहों को रोज़गार के बेहतर अवसर मिलेंगे।

मंत्रिपरिषद ने अनुसूचित जाति और जनजाति की सूची में तकनीकी कारणों से शामिल नहीं हो पाने वाली जातियों के छात्रों को राज्य मद से छात्रवृत्ति और छात्रावास की सुविधा देने का भी निर्णय लिया है। इसमें डोमरा, पबिया, डिहारी कोरवा जैसी जातियों के विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा।

राज्य में गौण खनिजों के बेहतर अन्वेषण के लिए स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट (SMET) के गठन का प्रस्ताव भी पारित किया गया है। यह ट्रस्ट केंद्र सरकार के NMET की तर्ज पर कार्य करेगा और राज्य में खनिज संसाधनों के सतत विकास में मदद करेगा।

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