भूपेश बघेल दो दिन पहले बिलासपुर में, चैतन्य मामले में हाई कोर्ट की सुनवाई के चलते बदली रणनीति!

बिलासपुर। सुप्रीम कोर्ट से चैतन्य बघेल की याचिका खारिज होने के बाद अब इस मामले की सुनवाई 12 अगस्त को हाई कोर्ट में होगी। यह सुनवाई जस्टिस अरविंद वर्मा की सिंगल बेंच में होनी है। इस अहम सुनवाई से पहले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दो दिन पहले ही बिलासपुर पहुंच गए हैं। उनके इस कदम को राजनीतिक गलियारों में एक नई रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।

जानकार इसे भूपेश बघेल की नई रणनीति बता रहे हैं। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री रहते हुए भूपेश बघेल कभी किसी मामले की सुनवाई के लिए इस तरह दो दिन पहले नहीं पहुंचे थे। यह पहली बार है जब वे इस तरह सुनवाई से पहले बिलासपुर में डेरा डाले हुए हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि वे इस मामले को लेकर काफी गंभीर हैं।

क्या है चैतन्य बघेल पर आरोप 

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दरअसल, चैतन्य बघेल पर छत्तीसगढ़ में हुए कथित शराब घोटाले में शामिल होने का आरोप है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का दावा है कि इस घोटाले से राज्य के खजाने को करोड़ों का नुकसान हुआ है। जांच एजेंसी के अनुसार, चैतन्य बघेल को इस घोटाले से हुई आय का फायदा मिला और उन्होंने इस पैसे का इस्तेमाल अपने रियल एस्टेट कारोबार में किया। ईडी ने इसी मामले में उन्हें गिरफ्तार भी किया था।

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हाई कोर्ट की सुनवाई क्यों है अहम

सुप्रीम कोर्ट ने चैतन्य बघेल की याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए उन्हें पहले हाई कोर्ट जाने की सलाह दी थी। अब हाई कोर्ट में होने वाली सुनवाई काफी अहम है, क्योंकि यह मामला भूपेश बघेल के पूरे राजनीतिक करियर से जुड़ा हुआ है। इस मामले में कोई भी फैसला उनके और कांग्रेस पार्टी के लिए एक बड़ा राजनीतिक संदेश लेकर आएगा।

फिलहाल, भूपेश बघेल आज कोटा विधानसभा क्षेत्र में आदिवासी समाज के एक बड़े कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उनका मुख्य उद्देश्य हाई कोर्ट की सुनवाई पर नजर रखना है और वे इस दौरान अपने वकीलों और सलाहकारों के साथ लगातार संपर्क में रहेंगे।

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