बस्तर तेंदूपत्ता बोनस घोटाला: जांच पर सवाल, पूर्व विधायक ने सीएम को लिखा पत्र, वन मंत्री पर आरोप

 

रायपुर। बस्तर के बहुचर्चित तेंदूपत्ता बोनस घोटाले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) की जांच पर सवाल उठने लगे हैं। कोंटा के पूर्व विधायक और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (भाकपा) नेता मनीष कुंजाम ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर घोटालेबाजों के बजाय शिकायतकर्ता पर ही EOW की कार्रवाई का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया है कि इस मामले में कई बड़े लोगों को बचाया जा रहा है और उन्होंने सीधे तौर पर वन मंत्री केदार कश्यप पर भी निशाना साधा है।

मनीष कुंजाम ने मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में बताया कि सुकमा वनमंडल में 2021-22 के तेंदूपत्ता बोनस की लगभग 8 करोड़ रुपये की राशि 2024 में आई थी और इसमें से अधिकांश राशि का गबन कर लिया गया है। कुंजाम के अनुसार उन्होंने खुद 8 जनवरी 2025 को इस मामले की सबसे पहली शिकायत की थी। इसके बावजूद EOW की टीम ने 10 अप्रैल को उनके ही घर पर दबिश दी। कुंजाम ने इसे आश्चर्यजनक बताया कि घोटाला उजागर करने वाले पर ही जांच एजेंसी छापेमारी कर रही है। उन्होंने सवाल उठाया है कि क्या यह छापेमारी किसी बड़े गुनहगार को बचाने के लिए तो नहीं हो रही है?

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कुंजाम ने पत्र में आगे लिखा है कि कलेक्टर को शिकायत के बाद जब यह घोटाला मीडिया में सुर्खियों में आया तो सुकमा डीएफओ को निलंबित कर दिया गया। डीएफओ के निलंबन के बाद 10 मार्च को उन्होंने और उनके साथियों ने धरना दिया था। उनकी मांग थी कि सिर्फ निलंबन से काम नहीं चलेगा तेंदूपत्ता संग्राहकों को उनके हक की राशि दी जाए और दोषी कर्मियों के अलावा जिम्मेदार प्रबंधकों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाए। इन्हीं मांगों के साथ 16 अप्रैल को एक जुलूस और सभा का आयोजन भी किया गया था।

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वन मंत्री पर सीधा आरोप

मनीष कुंजाम ने अपने पत्र में सबसे बड़ा आरोप वन मंत्री केदार कश्यप पर लगाया है। उन्होंने कहा कि वन मंत्री होने के साथ साथ वह सुकमा जिले के प्रभारी मंत्री भी हैं। ऐसे में यह कैसे संभव है कि उनकी जानकारी या सहमति के बिना करोड़ों रुपयों का इतना बड़ा गबन हो गया हो? कुंजाम ने दावा किया है कि उन्हें जानकारी मिली है कि इस घोटाले में बड़े लोग शामिल हैं और इसी वजह से डीएफओ ने इस घोटाले को अंजाम दिया है। इस पत्र के बाद बस्तर तेंदूपत्ता बोनस घोटाले का मामला और गरमा सकता है और इसकी राजनीतिक गूंज भी सुनाई पड़ सकती है।

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