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- चर्चित नान घोटाले में निचली अदालत में चल रही सुनवाई पर सर्वोच्च न्यायालय ने लगाई रोक …….ईडी ने किया
चर्चित नान घोटाले में निचली अदालत में चल रही सुनवाई पर सर्वोच्च न्यायालय ने लगाई रोक …….ईडी ने किया हाईप्रोफाइल चैट की सीबीआई जांच की मांग, और राज्य के बाहर मामले की सुनवाई की मांग

चर्चित नान घोटाले में निचली अदालत में चल रही सुनवाई पर सर्वोच्च न्यायालय ने लगाई रोक …….ईडी ने किया हाईप्रोफाइल चैट की सीबीआई जांच की मांग, और राज्य के बाहर मामले की सुनवाई की मांग नई दिल्ली : 7 साल पुराने नागरिक आपूर्ति निगम में हुए ₹36000 करोड़ के कथित घोटाले में परिवर्तन निदेशालय की […]

चर्चित नान घोटाले में निचली अदालत में चल रही सुनवाई पर सर्वोच्च न्यायालय ने लगाई रोक …….ईडी ने किया हाईप्रोफाइल चैट की सीबीआई जांच की मांग, और राज्य के बाहर मामले की सुनवाई की मांग

नई दिल्ली : 7 साल पुराने नागरिक आपूर्ति निगम में हुए ₹36000 करोड़ के कथित घोटाले में परिवर्तन निदेशालय की याचिका पर सुनवाई करते हुए माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने निचली अदालत में चल रही सुनवाई पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है । कोर्ट ने कहा कि मामले में जुड़े सारे दस्तावेज सुप्रीम कोर्ट के पास मौजूद है।

निचली अदालत अगले आदेश तक इसकी सुनवाई ना करें, सुप्रीम कोर्ट में इसकी अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को होने वाली है। प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले को राज्य से बाहर स्थानांतरित करने की भी मांग की है ।और आरोप लगाया है कि राज्य सरकार के एक प्रमुख संवैधानिक पदाधिकारी ने हाई कोर्ट के एक न्यायाधीश के संपर्क में थे, इसके पहले 20 सितंबर को इस मामले की सुनवाई हुई थी । जिसमें वरिष्ठ आईएएस अधिकारी आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा की भी भूमिका पर प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाते हुए उंगली उठाया था।

तब सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को सीलबंद लिफाफे में अपना पक्ष जमा करने का निर्देश दिया था । ईडी और केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सालीसिटर जनरल तुषार मेहता का कहना था कि हाई कोर्ट के न्यायाधीश और छत्तीसगढ़ सरकार के एक संवैधानिक पद पर बैठे अधिकारी के बीच व्हाट्सएप चैट से उन्हें इस मिलीभगत का पता चल गया है ।

राज्य के कुछ संविधानिक अधिकारी एसआईटी के साथ मिलकर मामले को कमजोर कर रहे हैं जिसमें दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारी भी शामिल है ,ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि कुछ गवाहों पर ईडी के सामने दिए गए बयानों को वापस लेने के लिए प्रभावित करने का भी प्रयास किया गया है । सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो भी दस्तावेज सीलबंद लिफाफे में है उसे हमने देख लिया है हम सॉलीसीटर जनरल के दस्तावेज देखने के आग्रह पर विचार करेंगे यदि हमें लगा कि करने योग्य तब हम देखने के लिए देंगे तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने पूर्व में ईडी को आश्वस्त किया था कि उसकी याचिका को जल्द सूचीबद्ध किया जाएगा ।

ज्ञात हो कि राज्य की आर्थिक अपराध शाखा और एंटी करप्शन ब्यूरो ने 12 फरवरी 2015 के बाद नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों कर्मचारियों के 28 ठिकानों पर छापा मार कार्यवाही किया था । जिसमें करोड़ों रुपए नगदी बरामद हुई थी भ्रष्टाचार से संबंधित कई दस्तावेज जप्त किए गए थे , तब डॉक्टर आलोक शुक्ला खाद विभाग के सचिव और अनिल टुटेजा नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक के पद पर पदस्थ थे। और इनके द्वारा ही गवाहों को प्रभावित किया गया है।