छत्तीसगढ़ में नेटहाउस घोटाला: 50 करोड़ का नगद किसान अंश, 25 करोड़ की GST चोरी 

रायपुर। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय बागवानी मिशन और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में करोड़ों के महाघोटाले का पर्दाफाश हुआ है। शिकायतकर्ता अधिवक्ता नरेश चन्द्र गुप्ता ने आयकर विभाग के अन्वेषण निदेशक पी.डी.एल.टी. (रायपुर) से शिकायत कर तुरंत कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों पर सप्लायरों के साथ मिलकर भ्रष्टाचार, मनी लॉन्ड्रिंग और बड़े पैमाने पर जीएसटी चोरी का गंभीर आरोप लगाया है।

 

जाँच की मांग: मनी लॉन्ड्रिंग और जीएसटी चोरी

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शिकायत के अनुसार राज्य में लगाए गए 80 प्रतिशत नेटहाउस घटिया और अमानक हैं। इनके निर्माण में केंद्र सरकार के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए सारे नियम कायदों को ताक पर रख दिया गया । सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि कृषकों से बिना कृषक अंश लिए पूरे प्रदेश में नेटहाउस बना दिए गए। लेकिन, कागजों में किसान अंश के नाम पर 14 लाख रुपये प्रति एकड़ जैसी राशि (कुल 50 करोड़ रुपये से अधिक) नगद दिखाई गई है। कृषकों से बात करने पर जानकारी मिली कि उनके द्वारा नगद राशि नहीं दी गई है। यह कुल राशि 50 करोड़ रुपये से अधिक है। चौंकाने वाली बात ये है कि सभी कृषकों की कृषक अंश राशि नगदी के रूप में दर्शाई गई है और किसी भी किसान द्वारा बैंक के द्वारा भुगतान नहीं किया गया, जिसे मनी लॉन्ड्रिंग का प्रकरण बताया गया है।

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जीएसटी में भारी हेराफेरी

नेटाहाउस के लिए भारत सरकार द्वारा 18 प्रतिशत जीएसटी (एच.एस.एन. कोड 94060011) तय है। लेकिन, इसके बजाय, सप्लायरों ने 28 लाख रुपये के बिल को चार हिस्सों में बाँटकर 5 प्रतिशत और 0 प्रतिशत जीएसटी में बिल बना दिए और जीएसटी की चोरी की है। जाँच में पूरे प्रदेश में विगत 4 वर्षों में 25 करोड़ रुपये से अधिक की जीएसटी चोरी सामने आने की आशंका है। विभाग के अधिकारियों ने मौखिक रूप से बताया कि नेटहाउस बनाने के लिए संचालनालय के अधिकारियों द्वारा निर्धारित सप्लायर द्वारा ही निर्माण कराया जाता है। जिन सप्लायरों के नाम बताए गए हैं, वे हैं: किसान एग्रोटेक, एम.बी. इंटरप्राइज, और जयगुरुदेव एग्रो शामिल हैं 

पावर विडर खरीदी में बड़ा घोटाला

पत्र में पावर विडर खरीद में भी भारी अनियमितता का आरोप है। शिकायत के अनुसार, विभाग किसानों को चाइना मेड 21,000 रुपये की लागत का पावर विडर 1,25,000 रुपये में प्रदाय कर रहा है। इस योजना में 65,000 रुपये का अनुदान दिया गया है। इस योजना का प्रदायक किसान एग्रोटेक का संचालक जिग्नेश पटेल है, जिस पर मध्यप्रदेश में 2018-19 में 100 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला करने और उसकी अन्य कंपनियों पर एफआईआर दर्ज होने की बात भी कही गई है। यह घोटाला छत्तीसगढ़ में भी संचालक उद्यानिकी के साथ मिलकर किया गया है। संचालक के मौखिक निर्देश पर यह यंत्र प्रदेश की शासकीय नर्सरियों से वितरित कराए गए हैं। नियम विरुद्ध प्रदान किए गए इन यंत्रों का भी जीएसटी चोरी किया गया है।

पैक हाउस: टीन शेड पर 20 करोड़ का फर्जी भुगतान

शिकायतकर्ता ने बताया कि उद्यानिकी विभाग ने पत्र क्रमांक 4399 द्वारा जिलों को आदेशित किया था कि MIDH एवं RKVY में निर्मित सभी पैक हाउस पक्के बनाए जाएंगे और मार्गदर्शिका भी दी गई थी। लेकिन, इसके विपरीत, संचालक उद्यानिकी वी. माथेस्वरम के कार्यकाल में 1000 से अधिक टीन शेड का निर्माण किया गया। इन घटिया टीन शेड की लागत 60 हजार रुपये से अधिक नहीं है, लेकिन इन पर 2 लाख रुपये प्रति टीन शेड का अनुदान जारी किया गया। इस मद में विभाग के अधिकारियों द्वारा 20 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला किया गया है। इस मामले की शिकायत एक साल से ज्यादा पहले भी की गई थी, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई।

नरेश चन्द्र गुप्ता ने निदेशक अन्वेषण से प्रदेश में चल रहे संगठित भ्रष्टाचार पर विभिन्न राष्ट्रीय एजेंसी से तत्काल जाँच कराने का अनुरोध किया है।

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