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जबलपुर में स्कूल शिक्षा विभाग में घोटाले का खुलासा: अकाउंटेंट ने फर्जी शिक्षकों के नाम पर उड़ाए करोड़ों, रिकॉर्ड खंगालने पर सामने आई सच्चाई
जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर में स्कूल शिक्षा विभाग में बड़े वित्तीय घोटाले का खुलासा हुआ है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि विभाग में शिक्षकों की सूची में फर्जी नाम जोड़े गए और उन्हीं के आधार पर वर्षों तक करोड़ों रुपये की अवैधानिक निकासी की गई। मामले के उजागर होने के बाद विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए अकाउंटेंट विजय कुमार भलावी को पद से हटा दिया है।
फर्जी नाम जोड़कर उठाई जाती रही सैलरी
घोटाला तब सामने आया जब बीईओ पनागर कार्यालय की शिक्षकों की सूची में संदिग्ध नामों की जांच की गई। आरोप है कि फर्जी शिक्षकों के नाम पर बैंक खाते खोले गए और लंबे समय तक नियमित वेतन जारी किया गया। जांच अधिकारियों के अनुसार, यह खेल कई वर्षों से चल रहा था और रकम निकालने की जिम्मेदारी विभाग के अकाउंटेंट पर ही थी। इस पूरे मामले ने शिक्षा विभाग से लेकर जिला कोषालय तक कई कार्यालयों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
2016 से अब तक करोड़ों का लेन-देन
जांच टीम ने रिकॉर्ड खंगाले तो पता चला कि साल 2016 से लेकर अब तक करोड़ों रुपये फर्जी खातों में ट्रांसफर किए गए। विभागीय दस्तावेजों और ट्रेजरी के भुगतान रिकॉर्ड में मेल नहीं मिलने पर मामला गंभीर रूप से संज्ञान में आया। इसी विसंगति के बाद शिकायत दर्ज हुई और जांच की प्रक्रिया तेज कर दी गई।
कलेक्टर ने दिए विस्तृत जांच के निर्देश
घोटाले की पुष्टि होने के बाद कलेक्टर ने मामले की विस्तृत जांच के आदेश जारी किए हैं। साथ ही संबंधित अधिकारियों को वित्तीय दस्तावेज, भुगतान रिकॉर्ड और स्टाफ सूची की गहराई से जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं। यह मामला न केवल विभागीय लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि सरकारी शिक्षा व्यवस्था में मौजूद कमज़ोर निगरानी तंत्र पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। जांच टीम अब यह पता लगाने में जुटी है कि इस घोटाले में और कौन-कौन लोग शामिल थे और यह अवैध प्रणाली इतने वर्षों तक कैसे चलती रही।
