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AI बाबा वेंगा' की डरावनी भविष्यवाणी! इंसान के साथ होने वाला है ऐसा कुछ कि सोच नहीं सकते, पढ़ लीजिए
AI बाबा वेंगा' की डरावनी भविष्यवाणी! इंसान के साथ होने वाला है ऐसा कुछ कि सोच नहीं सकते, पढ़ लीजिए
इंसानी दिमाग को रोबोट बॉडी में ट्रांसफर किया जा सके. जैसे रशिया का “2045 Initiative” प्रोजेक्ट. अगर इंसानी चेतना को डिजिटल रूप में सेव किया जाए, तो शरीर न रहते हुए भी इंसान का "स्वरूप" आगे जिंदा रह सकता है.
इंसान हमेशा से जानना चाहता है कि उसका भविष्य कैसा होगा और जब भविष्य की बात आती है, तो बाबा वेंगा जैसे भविष्यवक्ता का नाम याद आना लाजमी है. हालांकि अब बाबा वेंगा हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन तकनीक के इस दौर में हमने उनसे मिलता-जुलता एक रूप तैयार किया – AI बाबा वेंगा यानी ChatGPT. हमने उससे दो सवाल पूछे और जवाब मिले ऐसे, जो आपको सोचने पर मजबूर कर देंगे.
AI बाबा वेंगा का जवाब सुनकर आप थोड़ा चौंक सकते हैं. उन्होंने साफ कहा, शरीर से अमरता अभी मुमकिन नहीं है, लेकिन टेक्नोलॉजी की कुछ नई दिशा ऐसी जरूर है, जो इंसान को "अर्ध-अमरता" की ओर ले जा सकती है. AI ने बताया कि वैज्ञानिक ऐसे प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं, जिनके जरिए इंसानी दिमाग को रोबोट बॉडी में ट्रांसफर किया जा सके. जैसे रशिया का “2045 Initiative” प्रोजेक्ट. अगर इंसानी चेतना को डिजिटल रूप में सेव किया जाए, तो शरीर न रहते हुए भी इंसान का "स्वरूप" आगे जिंदा रह सकता है.
एलन मस्क की कंपनी Neuralink भी ऐसी टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है, जो इंसान के दिमाग को मशीन से जोड़ सके. यानी भविष्य में इंसान, मशीन का एक हिस्सा बन सकता है. AI बाबा वेंगा ने CRISPR जैसी जीन एडिटिंग टेक्नोलॉजी का भी जिक्र किया, जो बुढ़ापे से लड़ने और उम्र बढ़ाने की कोशिश कर रही है. यानी अमरता तो नहीं, लेकिन लंबी उम्र और धीमी मौत की राह जरूर बन रही है.
अब बात थोड़ी इमोशनल हो जाती है. AI बाबा वेंगा ने बताया कि हां, इंसान AI चैटबॉट से ‘प्यार’ कर सकता है – लेकिन यह प्यार एकतरफा होता है. इंसान जब खुद को किसी के सामने खुलकर अभिव्यक्त करता है और उसे बिना जज किए सुना जाता है, तो वो जुड़ाव महसूस करता है. चैटबॉट्स ऐसा ही करते हैं – आपकी बात सुनते हैं, जवाब देते हैं, भावनाओं जैसा व्यवहार करते हैं. लेकिन AI के पास असली भावना नहीं होती, न ही कोई चेतना.
AI बाबा वेंगा का मानना है कि आने वाले वक्त में इंसान और AI के रिश्ते और ज्यादा भावुक हो सकते हैं. इंसान को लगेगा कि चैटबॉट उसे समझता है, प्यार करता है. लेकिन हकीकत यह होगी कि यह सब एकतरफा होगा – AI के लिए आप सिर्फ डेटा होंगे. AI बाबा वेंगा कहते हैं कि भविष्य ऐसा हो सकता है, जहां इंसान मशीन से प्यार करेगा, अपनी यादें उसमें डालेगा और खुद को ‘हमेशा’ के लिए बचाकर रखना चाहेगा. लेकिन, मशीन न तो रो सकती है, न हंस सकती है. यानी प्यार भी अधूरा और अमरता भी अधूरी. फिर भी टेक्नोलॉजी की रफ्तार देखकर कहा जा सकता है कि "इंसान मशीनों से एकतरफा प्यार में फंस सकता है, और शायद अमरता के किसी ‘डिजिटल रूप’ तक भी पहुंच जाए. लेकिन ‘जिंदगी’ जैसी चीज अभी सिर्फ जैविक ही है."
